2 अक्टूबर 2008, आजे के दिन, आठ बरिस पहिली हम छत्तीसगढ़ी साहित्य ल मेकराजाला म लाये के बाना चढ़ावत, गुरतुर गोठ नाव के ब्लॉग ले रेंगना सुरू करे रहेंन. बाद म हम येला बेब-पोर्टल के रूप देहेन, अउ नाना प्रकार के परेसाानी अउ झंझट के बाद घलो येला सरलग आज तक चलावत हन। आठ बछर […]
Category: गोठ बात
छत्तीसगढ़ी सन् 1917 म
सन् 1917 में छत्तीसगढ़ के गीत मन ल विदेसी मन रिकार्ड करे रहिन हें तेला पाछू बरिस शिकागो विश्वविद्वालय ह अपन बेबसाईट म सार्वजनिक करिस। सन् 1917 म कईसे रहिस छत्तीसगढ़ी भाषा सुनव, भूमिका श्रीमती संज्ञा टंडन जी के हे-
हाट्स एप ग्रुप साहित्यकार में श्री अरूण कुमार निगम भईया ह पितर पाख मा पुरखा मन के सुरता कड़ी म हमर पुरखा साहित्यकार मन के रचना प्रस्तुत करे रहिन हे जेला गुरतुर गोठ के पाठक मन बर सादर प्रस्तुत करत हन – पितर पाख मा साहित्यिक पुरखा के सुरता के कड़ी मा एक बहुते जुन्ना […]
रोवा डारिन रियो म
31 वाँ ओलम्पिक खेल अपन सतरंगी छटा बिखेर के खतम होगे। ब्राजील के रियो डी. जेनेरियो साहर के मराकाना स्टेडियम म ए खेल के आयोजन बड़ धूमधाम से होइसे। एकर समापन के घोसना अंतरास्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष थामस चाक हँ करिस हे। ए खेल हँ 5 अगस्त से 21 अगस्त तक 16 दिन ले […]
मोर गांव के फूल घलो गोठियाये। बड बिहनियां सूरूज नरायन मया के अंजोर बगराये। झुमे नाचे तरियां नदिया फूले कमल मुसकाये। नांगर बईला धर तुतारी मोर किसनहा जाये। मोर गांव के फूल घलो गोठियाये…… मोगरा फूले लाई बरोबर मोती कस हे चक ले सुघ्घर कुआं पार बारी महमहाये तनमन ला ये ह सितलाये। उंच नीच […]
संगी हो, थोकन गुनव, फेर गोठियाहूं..
संगवारी हो दुनिया म गजब गजब के मनखे रइथे। कोनो बड़ सिधवा होथे त कोनो बड़ टेड़वा। टेड़वा मनखे के मति के कोनो ठिकाना नइ रहय। कभू भी कहूं ल ठग देथे। चउतरा मनखे ह भगवान घलो ल नइ छोड़य। एकबार एक चउतरा सेठ ह डोंगा म बइठके बेपार खातिर यातरा करत रहिस। यातरा के […]
मोर गाँव गिधवा पो.नगधा, तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा मा आथे। गाव के नाव ला सुनके सब अबड़ हासथे। मोर गाव के नाव गिधवा पड़िस तेकर पाछु एकठन कहानी हे सियानमन बताथे कि हमर गाव मा पहली समय मा चिरईय—चिरबुन अबड़ रहय अऊ गिध्द के इहा माड़ा रहय भारी बड़े बड़े गिध्द ला उड़ावत देख ले अगर कोनो मेरा कहु […]
जप तप पुन के भूंइया ए हमर छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के माटी के महक ह न सिरफ भारत म बल्कि पूरा बिस्व म फइले हे। ए भूंइया ह तप अऊ पुन के भूंइया ए। इहां एक ले बड़के एक संत, रिसि अऊ मुनि पइदा होय हे। महानदी, सिवनाथ अऊ इंदरावती छत्तीसगढ़ के पबरित बोहात नदिया ए जेकर तीर म रहिके कइझन तप करइया होइस। […]
बिहाव म खवाव बोरे बासी
हमर छत्तीसगढ़ म किसम किसम के खाई खजाना भरे हे। तस्मई, बरा, भजिया, चिवरा, उखरा, सोंहारी, खुरमी, ठेठरी, अउ नई जानन कतका कन बियंजन हावे। फेर किसान मन अउ छत्तीसगढ़ के मितान मन ल बोरे बासी ह जादा मिठाथे। मोर छत्तीसगढ़ के संगवारीमन ल एक कति काजू,बदाम, पिसता, अखरोट, इटली, दोसा दे देवव अउ दूसर […]