Categories
गोठ बात

परम्परा : छत्तीसगढ़ी म महामाई के आरती

छत्तीसगढ़ सक्ति उपासक राज ये, इंहा के जम्‍मों गांव म देवी आदि शक्ति के रूप महामाई के मंदिर हावय. गांव केमहामाई म दूनों नवरात म जोत जलाये जाथे अउ जेंवारा बोये जाथे. जम्‍मों गांव म नवराती के समय बिहनिया अउ संझा आरती होथे. छत्‍तीसगढ़ के जम्‍मों गांव म ये आरती हिन्दी के देवी आरती के […]

Categories
अनुवाद कहानी गोठ बात

कथाकार आस्कर वाइल्ड के कहानी द मॉडल मिलियनेअर के अनुवाद : आदर्श करोड़पति

मूल – The Model Millionair (द मॉडल मिलियनेअर) कथाकार – Oscar Wilde (आस्कर वाइल्ड) अनुवादक — कुबेर जब तक कोई धनवान न हो, दिखे म सुंदर होय के कोई फायदा नइ हे। प्रेम करना घला भरे-बोजे, पोट मनखे मन के बपौती आय, निठल्लू मन के काम नो हे। गरीब मन ल तो बस रांय-रांय कमाना […]

Categories
कविता कहानी गीत गोठ बात

सुन संगवारी

सुन संगवारी सरला शर्मा के कविता, निबंध अउ कहानी के संघरा किताब

Categories
गोठ बात

हमर पूंजी व्यवस्था में चीनी सेंधमार

लिखइया सरला शर्मा आज हमर विदेशी मुद्रा भण्डार 278.6 अरब डालर है जेहर छय सात महीना के आयात बर पुरही। फेर सुरता करिन तो सन् 1991 मं एहर 60 करोड डालर तक गिर गये रहिस। तभो गुने बर परत हे आघूं अवइया गर्रा धूंका हर हमर का हाल करही? दूसर बात के कारखाना मन के […]

Categories
गोठ बात

पहुँचगिस संसद

1.- मोर ऑंसू झन गिर/ एकर पिवइया/ नी जनमिस हावय वोहर अजन्मा हावय/ ऑंखी मा भरभर भरे र सागर साही/ बोहागे ता दिखबे खाली गागर साही/ कंकड़ के चोट ले/ छलक जाए/ सागर की परिभाशा/ गलत हो जाही/ अउ तोला बोहाय के लत पड़ जाही/ कोन इहें आपन/ कोन हावय पर/ सबो एकेठन दाई/ के […]

Categories
गोठ बात

छत्तीसगढ़ मं बिहाव के रीति-रिवाज

छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाज ह खोज अउ शोध के बिसे आय। काबर कि इहां के जम्मो संस्कृति ह कृषि संस्कृति ले गुंथाय हे। यहू बात के परमान मिलथे कि इहां के कतको संस्कृति, रीति-रिवाज ह रामायण अउ महाभारत काल ले जुड़े हे। कतको रीति-रिवाज अउ परम्परा जउन ह जनम ले लेके मरन तक गुंथाय हे वोमा […]

Categories
गोठ बात

आवत हे राखी तिहार

आवत हे राखी तिहार सजे हे सुग्घर बाजार, रकम रकम के राखी हर डाहर राखी के बहार. रेशम धागा के दिन पहागे चांदी और सोना के राखी आगे मया के तिहार म घलो देखो बाजारवाद ह कइसे छागे.

Categories
गोठ बात

उत्छाह के तिहार हरेली

कोन्हों भी राज आरुग चिन्हा वोकर संस्कृति होथे। संस्कृति अइसन गोठ आय जेमा लोककला अउ लोकपरब के गुण लुकाय रहिथे। छत्तीसगढ़िया मन अपन सांस्कृतिक गहना ल बड़ सिरजा के रखे हे। जेकर परमाण आज तक वोकर भोलापन अउ ठउका बेरा मं मनाय जाय तिहार मं बगरथे। सियान से लेके लइकामन परम्परा ल निभाय खातिर घेरी-बेरी […]

Categories
गोठ बात

सावन के तिहार

सावन सोमवार- सावन महीना म भगवान संकर के पूजा करे के बिसेस महत्तम हे। रोज-रोज पूजा नई कर सके म मनसे मन ल हरेक सम्मार के सिवपूजा जरूर करना चाही। बिधान- सम्मार के दिन सिवजी के माटी के मूर्ति बना के जेकर संख्या एक या ग्यारह रहय। कोपरा म पधरा के पंचामृत ले स्नान कराके […]

Categories
गोठ बात

छत्तीसगढ़ी गुरतुर अऊ नुनछुर भाखा ए

छत्तीसगढ़ी कविता क्रांति के सुर ला प्रलय- राग मां बांधही? ये जम्मो हर काल के कोरा मां लुकाय हे हमर छत्तीसगढ़ घात सुग्घर हे, अउ छत्तीसगढ़ी गजब के गुरतुर अऊ नुनछुर भाखा ए, ए मा किसान के पबरित पसीना हे, अऊ आंसू के अमरित हे ए हर मनखे के मन के भाव-भलाई हे। छत्तीसगढ़ी कविता […]