Categories
गोठ बात

जइसे खाबे अन्न तइसे बनही मन

‘सेठ ह कहिथे- महंतजी, मे ह चोरी के बाहना बिसाय रहेंव व वोमा मोला अड़बड़ फायदा होइस तेकरे सेती में ह मंदिर म दान दे रहेंव। महंत जी वो अनाज के प्रभाव ल समझिस’ हमर खवई पिययि ह हमर मन का बनाथे- बिगाड़थे एकरे सेती हमर सास्त्र-पुरान ह खाय-पिये म पबरित रहय। अइसे बताय हे। […]

Categories
गोठ बात

बम-निकलगे दम

एक झन कहिस- का बताबे सिरतोन म बहुत बुरा हाल हे। जुन्ना रेलवे पुलिया अउ करमचारी मन के लापरवाही ले वइसने जब नहीं तब जिहां नहीं तिहां बम फोरत हे, गोली चलावत हे। इंकर मारे तो कहूं आना-जाना घलो मुसकुल होगे हे। हिंसा ले सुख, खुशहाली अउ सांति लाए के उदिम अउ हिंसा ले ये […]

Categories
गोठ बात

छत्तीसगढ़ी में मुहावरा के परयोग

लोक जीवन में बोलचाल में मुहावरा के बड़ महत्व हे। ये भाखा अउ बोली के सिंगार होथे। ये ह गोठ बात के बेरा म ओला परभावशाली अउ वजनदार बनाथे। ये गोठ बात ल पूरा करे के साथे -साथ सही समे अउ इस्थान में परयोग करे ले बोलइया-लिखइया के भाखा में परगट करथे। हमर छत्तीसगढ़ी घलो […]

Categories
गोठ बात

पातर पान बंभुर के, केरा पान दलगीर

‘राऊत नाचा ह महाभारत काल के संस्कृति, कृसि, संस्कृति अउ भारत के लोक संस्कृति ले जुरे हावय। राऊत नाच राऊत मन के संस्कृति आय फेर ये ह भारतीय संस्कृति के पोषक घलो हे। भारत के संस्कृति कृसि प्रधान हे। ये कारन गाय-बइला, खेत-खार, गोबर-माटी अउ पेड़-पौधा, नदिया-नरवा ले सबो ल मया हावय। येला राऊत नाचा […]

Categories
गोठ बात

पातर पान बंभुर के, केरा पान दलगीर

राऊत नाचा ह महाभारत काल के संस्कृति, कृसि, संस्कृति अउ भारत के लोक संस्कृति ले जुरे हावय। राऊत नाच राऊत मन के संस्कृति आय फेर ये ह भारतीय संस्कृति के पोषक घलो हे। भारत के संस्कृति कृसि प्रधान हे। ये कारन गाय-बइला, खेत-खार, गोबर-माटी अउ पेड़-पौधा, नदिया-नरवा ले सबो ल मया हावय। येला राऊत नाचा […]

Categories
गोठ बात

चिल्हर के रोना

आज के समे अइसन उपाय तो चिल्हर के रोना बर करे नी जा सकय। काबर के चिल्हर के रोना एक, दू अउ पांच रुपिया के जादा रथे अउ एकर नोट छपना बंद हो गे हे। अरे बंद नी होय होही ते कमती जरूर हो गेहे। तेखरे सेती अब चिल्हर के रोना ल खतम नी करे […]

Categories
गोठ बात

पेड़ लगावा जिनगी बचावा

‘पेड़ लगाए के महत्त बहुत हावय। जेन पेड़ ल लगाये जाथे ओखर उपयोग मनखे ह कोनो न कोनो रूप म करथे। पीपर लगइस त सरीर ल दिन रात जीवनदायनी आक्सीजन मिलत रहिथे त वोकर उमर ह बाढ़ जथे वो ह सुवस्थ रहिथे। ऐखरे बर कहे गे हावय के पीपर पेड़ लगइया हजारों बछर ले पताल […]

Categories
गोठ बात जीवन परिचय

लोक कला के दीवाना रामकुमार साहू

ओ हर निचट गरीब परवार के रहीस। मोर इसकूल मा पढ़य। आज लइका मन ले ओ हर अलगेच रहीस हे। नानपन ले ओहर ‘लोककला’ के दीवान रहीस हे। ओ बखत मैं हर स्व. दाऊ रामचन्द्र देशमुख के जबड़ लोकनाटक ‘कारी’ मा बिसेसर नायक के पाठ करत रहेंव तब ‘कारी’ खातिर रामकुमार साहू के दीवानगी हर […]

Categories
गोठ बात

छत्तीसगढ़ के कर्जादार

आज छत्तीसगढ़ी ह राजभाषा बनगे हावय। राजधानी ले अतेक अकन अखबार निकलथे के अंगरी म गिनना मुसकिल हे। फेर एक ठन छत्तीसगढ़ी अखबार आज ले नई निकल पाइस। ये निमगा छत्तीसगढ़ अखबार निकाले म घाटा दिखथे। एक कालम तो होना चाही। दूसर राज्य म ऊंखर राजभासा के अखबार अउ पत्रिका दिखथे। छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बनाय […]

Categories
गोठ बात जीवन परिचय

लोक मंच के चितेरा

दाऊ रामचन्द्र देशमुख हर रामहृदय तिवारी जी के निर्देसन मा बनइस ‘कारी’ जगमग-जगमग बरत छत्तीसगढ़ मूल्य मन के लड़ी अउ सुख:दु:ख के झड़ी ‘कारी’। बिराट लोक नाटय ‘कारी’। ये नाटक हर छत्तीसगढ़ के जनता ला एक घांव फेर भाव के संसार मा चिभोर दिस। ह मर छत्तीसगढ़िया के जग-परसिध ‘नाचा’ हर जन-जागरन अउ मन बहलाव […]