खुमान लाल साव जी से कुबेर अउ पद्मलोचन के गोठ बात, श्रुत लेखन – कुबेर आज (25 फरवरी 2019) मंझनिया पाछू भाई पद्मलोचन शर्मा ’मुँहफट’ के फोन आइस। जय-जोहार के बाद वो ह पूछिस – ’’कुबेर, अभी तंय ह कहाँ हस? खुमान सर से मिले बर जाना हे। बहुत दिन होगे, जाना नइ होवत हे, […]
Category: गोठ बात
रायगढ़ जिला के सारंगढ़ विकास खंड के पश्चिम दिसा म सारंगढ़ ल 16 किलोमीटर धुरिया म गांव कोसीर बसे आय। जिन्हा मां कुशलाई दाई के पुरखा के मंदिर हावे अंचल म ग्राम्य देवी के रूप म पूजे जाथे। इंहा के जतको गुन गान करी कम आय। समाज म अलग अलग धरम जाति पांति के लोगन […]
मानस मा प्रयाग
तीर्थराज प्रयाग मा कुंभ मेला चलत हावय।एक महिना तक ये मेला चलथे। छत्तीसगढ़ मा एक पाख के पुन्नी मेला होथय। ये बखत यहू हा प्रयाग हो जाथय। तुलसीदास बाबा हा तीर्थराज प्रयाग के महत्तम ला रामचरित मानस मा बने परिहाके बताय हे।मानस के रचना करत शुरुआत मा जब बाबा तुलसी वंदना करधँय तब साधु संत […]
चिन्हारी- नरवा-गरूवा-घुरवा-बारी
देस होय चाहे राज्य ओखर पहिचान उहां के संसकरिति ले होथे। सुंदर अउ सुघ्घर संसकरिति ले ही उहां के पहिचान दूरिहा दूरिहा मा बगरथे। अइसने हमर छत्तीसगढ़ राज के संसकरिति के परभाव हा घलो हमर देस म अलगे हे। इहां के आदिवासी संसकरिति के साथ-साथ इहां के जीवन यापन, लोकगीत संगीत हा इहां के परमुख […]
लोक कथा म कहूँ प्रेमी-प्रेमिका मन के बरनन नइ होही त वो कथा नीरस माने जाथे। छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाका मन म जहां लोरिक-चंदा के कथा प्रचलित हे, वइसनहे बस्तर म झिटकू-मिटकी के प्रेम कथा कई बछर ले ग्रामीण परवेश म रचे-बसे हे। पीढ़ी दर पीढ़ी इंकर कथा बस्तर के वादी म गूंजत रहे हे। […]
बसंत पंचमी के तिहार
बसंत रितु ल सब रितु के राजा कहे जाथे। काबर के बसंत रितु के मौसम बहुत सुहाना होथे। ए समय न जादा जाड़ राहे न जादा गरमी। ए रितु में बाग बगीचा सब डाहर आनी बानी के फूल फूले रहिथे अउ महर महर ममहावत रहिथे। खेत में सरसों के फूल ह सोना कस चमकत रहिथे। […]
बसंत पंचमी अउ ओखर महिमा
बसंत पंचमी हमर हिंदूमन के तिहार म ले एक बिसेस तिहार हे। ये दिन गियान के देबी दाई माता सरस्वती के आराधाना करे जाथे। भारत अउ नेपाल जेहा पहिली हिंदू देस रहसि, म बछर भर ल छै भाग म बांटे गे हे। येमा बसंत रितु सबसे सुखद रितु हे। जब परकिरिती म सबो कती नवसिरिजन […]
हमर भुईयां के मौसम के बखान मैंहा काय करव येकर बखान तो धरती, अगास, आगी, पानी, हवा सबो गोठियात हे। छै भाग में बाटे हाबय जेमे एक मोसम के नाव हे बसंत, जेकर आय ले मनखे, पशु पक्षी, पेड़ पऊधा अऊ परकिरती सबो परानी म अतेक उछाह भर जथे जेकर कोनों सीमा नईये। माघ के […]
मोर ददा ला तनखा कब मिलही
दस बच्छर के नीतिन अउ एक महिना बड़े ओकर कका के बेटी टिया अँगना मा खेलत रहिस। दूनो मा कोन जनी काय सरत लगिस तब टिया हा कहे लगिस मेहा हार जहूँ ता मोर पइसा ला मोर पापा ला तनखा मिलही तब देहँव। नीतिन समझ नइ सकिस कि ओकर कका हा कहाँ ले तनखा पाथय,कोन […]
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जनम 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के कटक शहर में एक बंगाली परिवार में होय रिहिसे । एकर बाबूजी के नाँव श्री जानकी नाथ बोस अउ दाई के नाँव श्रीमती प्रभावती रिहिसे । एकर बाबूजी ह कटक शहर के जाने माने वकील रिहिसे । पढ़ई – लिखई – सुभाष चंद्र […]