दोहा

दोहावली

1. चार चरण दू डांड़ के, होथे दोहा छंद । तेरा ग्यारा होय यति, रच ले तै मतिमंद ।।1।। विसम… Read More

10 years ago

मोर मयारू गणेस

दोहा जऊन भक्त शरण पड़े, ले श्रद्धा विश्वास । श्रीगणेश पूरन करे, ऊखर जम्मो आस ।। चौपाई हे गौरा गौरी… Read More

10 years ago

मोर मयारू गणेश

दोहा जऊन भक्त शरण पड़े, ले श्रद्धा विश्वास । श्रीगणेश पूरन करे, ऊखर जम्मो आस ।। चैपाई हे गौरा गौरी… Read More

11 years ago

फागुन के दोहा

कहूं नगाड़ा थाप हे, कहूं फाग संग ताल। मेंहदी रचे हाथ म, अबीर, रंग, गुलाल॥अमरईया कोइली कुहकय, मऊहा टपके बन।पिंयर… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 5 : अरुण कुमार निगम

कहूँ नाच-गम्मत कहूँ, कवी-सम्मलेन होय।कहूँ संत-दरबार सजै, कहूँ मेर कीरतन होय।। ओ मईया ......सिद्धि पीठ, मंदिर-मंदिर, जले जंवारा जोत।जेकर दरसन… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 4 : अरुण कुमार निगम

बम्लेस्वरी बल दान दे, मयं बालक कमजोर।तोर किरपा मिल जाय तो, जिनगी होय अँजोर।। ओ मईया ......दंतेस्वरी के दुवार मा,… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 3 : अरुण कुमार निगम

दुर्गा के दरबार मा, मिटे, दरद ,दुःख, क्लेस।महिमा गावें रात-दिन, ब्रम्हा बिस्नु महेस।। ओ मईया ......किरपा कर कात्यायिनी, मोला तहीं… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम

नवग्रह के पूजा करैं, पूजैं गौरी-गनेस।खप्पर-कलस ला पूज के, काटयं कलह-कलेस।। ओ मईया ......तोर चरण अर्पण करवं, नरियर, मेवा, पान।जय… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 1 : अरुण कुमार निगम

ओ मईया ......मूड़ मुकुट- मोती मढ़े, मुख मोहक-मुस्कान।नगन नथनिया नाक मा, कंचन-कुंडल कान।। ओ मईया ...... मुख-मंडल चमके-दमके, धूम्र विलोचन… Read More

13 years ago

छत्तीसगढ़ के जन-कवि स्व.कोदूराम “दलित “के दोहा

छत्तीसगढ़ के जन-कवि स्व.कोदूराम 'दलित' जी ह आजादी के संघर्स के समय रास्‍ट्रीयता के भावना जागृत करे खातिर दलित जी… Read More

13 years ago