1. चार चरण दू डांड़ के, होथे दोहा छंद । तेरा ग्यारा होय यति, रच ले तै मतिमंद ।।1।। विसम चरण के अंत मा, रगण नगण तो होय । तुक बंदी सम चरण रख, अंत गुरू लघु होय ।।2।। 2. दुखवा के जर मोह हे, माया थांघा जान । दुनिया माया मोह के, फांदा कस […]
Category: दोहा
मोर मयारू गणेस
दोहा जऊन भक्त शरण पड़े, ले श्रद्धा विश्वास । श्रीगणेश पूरन करे, ऊखर जम्मो आस ।। चौपाई हे गौरा गौरी के लाला । हे प्रभू तू दीन दयाला । । सबले पहिली तोला सुमरव । तोरे गुण गा के मै झुमरव ।।1।। तही तो बुद्धि के देवइया । तही प्रभू दुख के हरइया वेद पुराण […]
मोर मयारू गणेश
दोहा जऊन भक्त शरण पड़े, ले श्रद्धा विश्वास । श्रीगणेश पूरन करे, ऊखर जम्मो आस ।। चैपाई हे गौरा गौरी के लाला । हे प्रभू तू दीन दयाला । । सबले पहिली तोला सुमरव । तोरे गुण गा के मै झुमरव ।।1।। तही तो बुद्धि के देवइया । तही प्रभू दुख के हरइया वेद पुराण […]
फागुन के दोहा
कहूं नगाड़ा थाप हे, कहूं फाग संग ताल। मेंहदी रचे हाथ म, अबीर, रंग, गुलाल॥अमरईया कोइली कुहकय, मऊहा टपके बन।पिंयर सरसों गंध होय मतौना मन॥पिचकारी धर के दऊड़य, रंग डारय बिरिजराज।उड़य रंग बौछार, सब भूलिन सरम अऊ लाज॥मोर पिया परदेस बसे, बीच म नदिया, पहाड़।मिलन के कोनो आस नहीं, बन, सागर, जंगल, झाड़॥जमो रंग कांचा […]
कहूँ नाच-गम्मत कहूँ, कवी-सम्मलेन होय। कहूँ संत-दरबार सजै, कहूँ मेर कीरतन होय।। ओ मईया …… सिद्धि पीठ, मंदिर-मंदिर, जले जंवारा जोत। जेकर दरसन मात्र ले, काज सुफल सब होत।। ओ मईया …… कई कोस पैदल चलयं, हँस-हँस चढ़यं पहार। मन मा भक्ति जगाय के, भक्तन पहुँचय दुवार।। ओ मईया …… कोन्हों राखयं मौन बरत, कोन्हों […]
बम्लेस्वरी बल दान दे, मयं बालक कमजोर। तोर किरपा मिल जाय तो, जिनगी होय अँजोर।। ओ मईया …… दंतेस्वरी के दुवार मा, पूरन मनोरथ होय। सुन के मयं चले आय हौं, मन-बिस्वास सँजोय।। ओ मईया …… अरज करवँ माँ सारदा, दे शक्ति के दान। तयं माता संसार के, हम सब तोर संतान।। ओ मईया …… […]
दुर्गा के दरबार मा, मिटे, दरद ,दुःख, क्लेस। महिमा गावें रात-दिन, ब्रम्हा बिस्नु महेस।। ओ मईया …… किरपा कर कात्यायिनी, मोला तहीं उबार। तोर सरन मा आये हौं, भाव-सागर कर पार।। ओ मईया …… हे महिसासुर मर्दिनी, सुन ले हमर गोहार। पाप मिटा अउ दूर कर, जग के अतियाचार।। ओ मईया …… दरसन दे जग-मोहिनी, […]
नवग्रह के पूजा करैं, पूजैं गौरी-गनेस। खप्पर-कलस ला पूज के, काटयं कलह-कलेस।। ओ मईया …… तोर चरण अर्पण करवं, नरियर, मेवा, पान। जय अम्बे, जगदम्बे मा, जग के कर कल्यान।। ओ मईया …… मन बिस्वास के आरती, सरधा-भक्ति के फूल। अर्पित हे तोर चरण मा, हाँस के कर ले कबूल।। ओ मईया …… अगर-कपूर के […]
ओ मईया …… मूड़ मुकुट- मोती मढ़े, मुख मोहक-मुस्कान। नगन नथनिया नाक मा, कंचन-कुंडल कान।। ओ मईया …… मुख-मंडल चमके-दमके, धूम्र विलोचन नैन। सगरे जग बगराये मा, सुख-संपत्ति,सुख-चैन।। ओ मईया …… लाल चुनर, लुगरा लाली, लख-लख नौलख हार। लाल चूरी, लाल टिकुली, सोहे सोला सिंगार।। ओ मईया …… करधन सोहे कमर मा, सोहे पैरी पाँव। […]
छत्तीसगढ़ के जन-कवि स्व.कोदूराम ‘दलित’ जी ह आजादी के संघर्स के समय रास्ट्रीयता के भावना जागृत करे खातिर दलित जी ह छत्तीसगढ़ी दोहा ल राउत नाचा के माध्यम ले गाँव-गाँव तक पहुँचाये रहिस. आज दलित जी के 101 वां जन्म दिन आय, आज उनला सुरता करत उखंर लिखे राउत नाच के छत्तीसगढ़ी दोहा हमर संगी […]