छंद

मानसून मा : कुकुभ छंद

फिर माटी के सोंधी खुशबू,फिर झिंगुरा के मिठ बानी। मानसून मा रद रद रद रद,बादर बरसाही पानी। छेना लकड़ी चाउँर… Read More

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गर्मी छुट्टी (रोला छंद)

बन्द हवे इस्कूल,जुरे सब लइका मन जी। बाढ़य कतको घाम,तभो घूमै बनबन जी। मजा उड़ावै घूम,खार बखरी अउ बारी। खेले… Read More

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छत्तीसगढ़ी भूल भूलैया

समर्पन धमधा के हेडमास्टर पं. भीषमलाल जी मिसिर महराज के सेवा मा :- लवनी तुहंला है भूलभुलैया नींचट प्यारा। लेवा… Read More

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24 मई -जेठ दसमी : वीर आल्हा जयंती, आल्हा चालीसा (आल्हा छंद में)

जेठ महीना दसमी जनमे, आल्हा देवल पूत कहाय। बन जसराज ददा गा सेउक, गढ़ चँदेल के हुकुम बजाय।~9 ददा लड़त… Read More

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सार छंद : पूछत हे जिनगानी

घर के बोरिंग बोर सुखागे, घर मा नइ हे पानी। टंकर कतका दिन सँग दीही, पूछत हे जिनगानी। नदिया तरिया… Read More

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निषाद राज के छत्तीसगढ़ी दोहा

माता देवी शारदा, मँय निरधन लाचार। तोर चरन में आय हँव, सुन दाई गोहार।। माता तोरे रूप के, करहूँ दरशन… Read More

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13 मई विश्व मातृ दिवस : महतारी महिमा (सरसी छंद)

महतारी महिमा भारी हे, ममता मया महान। हाँथ जोर मैं बंदव दाई, जग बर तैं बरदान।1 जगजननी तैं सब दुखहरनी,… Read More

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वीर महाराणा प्रताप : आल्हा छंद

जेठ अँजोरी मई महीना,नाचै गावै गा मेवाड़। बज्र शरीर म बालक जन्मे,काया दिखे माँस ना हाड़। उगे उदयसिंह के घर… Read More

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13 मई विश्व मातृ दिवस : दाई के दुलार (दोहा गीत)

महतारी ममता मया, महिमा मरम अपार। दाई देवी देवता, बंदव चरन पखार। महतारी सुभकामना, तन मन के बिसवास। कोंवर कोरा… Read More

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सिंहावलोकनी दोहा : गरमी

गरमी हा आ गे हवय,परत हवय अब घाम। छइँहा खोजे नइ मिलय,जरत हवय जी चाम।। जरत हवय जी चाम हा,छाँव… Read More

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