पुजारी बनौं मैं अपन देस के। अहं जात भाँखा सबे लेस के। करौं बंदना नित करौं आरती। बसे मोर मन… Read More
पायलगी तोला बबा, हे गुरु घासीदास। मन अँधियारी मेट के, अंतस भरव उजास। सतगुरु घासीदास हा, मानिन सत ला सार।… Read More
1 नवा बछर शुभकामना,जिनगी हो खुशहाल। मन के कोठी मा मया,बाढ़य जी हर साल। 2 पाछू के अटके बुता,सफल सिद्ध… Read More
जेखर जनम धरे ले भुँइया,बनगे हे सत धाम। उही पुरष के जनम दिवस हे,भज मनुवा सतनाम।।1।। बछर रहिस सतरह सौ… Read More
बहारे बटोरे गली खोर ला। रखे बड़ सजाके सबो छोर ला। बरे जोत अँगना दुवारी सबे। दिखे बस खुसी दुख… Read More
काली गरजे काल कस,आँखी हावय लाल। खाड़ा खप्पर हाथ हे,बने असुर के काल। बने असुर के काल,गजब ढाये रन भीतर।… Read More
झरथे झरना झरझर झरझर,पुरवाही मा नाचे पात। ऊँच ऊँच बड़ पेड़ खड़े हे,कटथे जिँहा मोर दिन रात। पाना डारा काँदा… Read More
छन्द के छ परिवार के दीवाली मिलन अउ राज्य स्तरीय कवि गोष्ठी के सफल आयोजन दिनांक 12/11/17 के वि.खं. सिमगा… Read More
धन धन हे टिकरी अर्जुन्दा,दुरुग जिला के ग्राम। पावन भुँइया मा जनमे हे,जनकवि कोदूराम। पाँच मार्च उन्नीस् सौ दस के,होइस… Read More
खेलन गेंद गये जमुना तट मोहन बाल सखा सँग नाचय। देवव दाम लला मन मोहन देख सखा सबके सब हाँसय।… Read More