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छंद विष्णु पद

विष्णुपद छंद : हे जग के जननी

जुग जुग ले कवि गावत हावँय,नारी के महिमा। रूप अनूप निहारत दुनिया, नारी के छवि मा। प्यार दुलार दया के नारी,अनुपम रूप धरे। भुँइया मा ममता उपजाये,जम के त्रास हरे। जग के खींचे मर्यादा मा, बन जल धार बहे। मातु-बहिन बेटी पत्नी बन,सुख दुख संग सहे। मीथक ला लोहा मनवाये,नव प्रतिमान गढ़े। पुन्न प्रताप कृपा […]

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छंद विष्णु पद

विष्णुपद: छंद – मोखारी

बबा लाय हे दतवन नोनी,दाँत बने घँसबो ! जीभ सीप के कुल्ला करबो,कुची फेंक हँसबो !!1!! बनतुलसा बर बोइर बमरी,टोर लन चिरचिरा ! करंच मउहाँ सब्बो दतवन,लीम हे किरकिरा !!2!! बमरी सोंटा के मोखारी,गाँव-गाँव चलथे ! घड़ी-घड़ी मा खेलत खावत,आज कल निकलथे !!3!! हँसिया बाँधै डँगनी धरके,दतवन अभी मिलही ! लाम छँड़ा ला टोरै सब्बो,दाँत […]

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छंद सर्वगामी सवैया

सर्वगामी सवैया : पुराना भये रीत

(01) सोंचे बिचारे बिना संगवारी धरे टंगिया दूसरो ला धराये। काटे हरा पेंड़ होले बढ़ाये पुराना भये रीत आजो निभाये। टोरे उही पेंड़ के जीव साँसा ल जे पेंड़ हा तोर संसा चलाये। माते परे मंद पी के तहाँ कोन का हे कहाँ हे कहाँ सोरियाये। (02) रेंगौ चुनौ रीत रद्दा बने जेन रद्दा सबो […]

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छंद दोहा

अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस म दोहा : बेटी

दोहा (बेटी) झन मारव जी कोख मा ,बेटी हे अनमोल। बेटी ले घर स्वर्ग हे, इही सबो के बोल।।1।। बेटी मिलथे भाग ले,करव इँकर सम्मान। दू कुल के मरजाद ये,जानव येहू ज्ञान।।2।। बेटी आइस मोर घर,गज़ब भाग हे मोर। घर पूरा खुशहाल हे,जुड़े मया के डोर ।।3।। बेटी ला सम्मान दव, ये लक्ष्मी के रूप। […]

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कविता गज़ल छंद दोहा मत्तगयंद सवैय्या

छत्तीसगढ़ी गीत-ग़ज़ल-छंद-कविता

होगे होरी तिहार होगे – होगे होरी के, तिहार गा। कखरो बदलिस न,आदत ब्यवहार गा। करु बोली मा,अउ केरवस रचगे। होरी के रंग हा, टोंटा मा फँसगे। दू गारी के जघा, देय अब चार गा। कखरो बदलिस न,आदत ब्यवहार गा। टेंड़गा रेंगइया हा,अउ टेंड़गा होगे। ददा – दाई ,नँगते दुख भोगे। अभो देखते वो , […]

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छंद दोहा

होली के दोहा

ब्रज मा होरी हे चलत, गावत हे सब फाग। कान्हा गावय झूम के, किसम-किसम के राग।। 1।। राधा डारय रंग ला, सखी सहेली संग। कान्हा बाँचे नइ बचय, होगे हे सब दंग।।2।। ढोल नगाड़ा हे बजत, पिचकारी में रंग। राधा होरी में मगन, सखी सहेली संग।।3।। गोकुल मा अब हे दिखत, चारो कोती लाल। बरसत […]

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छंद विष्णु पद

धूवा मारे : विष्णुपद छंद

(भ्रूण हत्या) धूवा मारे काबर पापी,पाबे का मन के ! बेटा मिलही ता का करबे,चलबे का तनके !!1!! बेटी-बेटा मा भेद करे,लाज कहाँ लगही ! नाक-कान तो बेंचे बइठे,कोन भला ठगही !!2!! नारी-नारी बर जी जलथे,मोर इही कहना ! ममता देहव तबतो दाई,सुघर संग रहना !!3!! धूवा सँचरे लालच ठाने,मशीन मा दिखथे ! चेक कराके […]

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छंद सार

कका के बिहाव : सार-छंद

कका बता कब करबे शादी, देख जवानी जाथे ! बइठे रोथे दादी दादा, संसो घानी खाथे !!1!! ढ़ींचिक-ढ़ींचिक नाचत जाबो, बनके तोर बराती ! पागा-पगड़ी माथ बँधाये, देखे राह घराती !!2!! गँड़वा-डीजे जेन लगाले, नागिन पार बजाबो ! बुड़हा-बुड़ही रंग जमाही, सबला खींच नचाबो !!3!! दाई कइही जी देरानी, घर अँगना के रानी! आव-भाव मा […]

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आल्हा छंद

आल्हा छंद : वीर शिवाजी के शान

वीर शिवाजी जयंती 19 फरवरी वीर शिवाजी जनमे जग मा, शेर सँही ए राखिन शान। धन्य-धन्य महतारी ऊँखर, जनमीं जेमन पूत महान।।1 ददा शाहजी जीजा दाई, जनम धरे शिवनेरी धाम। नाँव छत्रपति जेखर अम्मर, कोटि-कोटि करँव प्रनाम।।2 नान्हें पन ले आज्ञाकारी, गुरू ददा दाई ला मान। देश भक्ति नस-नस मा दँउड़े, हाजिर राहँय धरके जान।।3 […]

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छंद दोहा

दोहालरी – दामाखेड़ा धाम

1-माघी पुन्नी मा चलव, दामाखेड़ा धाम। दरशन ले साहेब के, बनथे बिगड़े काम। 2-धर्मदास सतगुरु धनी,धरम नगर दरबार। दामाखेड़ा धाम के, चारों खुँट जयकार। 4-उग्रनाम साहेब जी, होइन संत फकीर। धरम नगर मा आ बसे, ब्यालिस अंश कबीर। 5-प्रगटे हें तिथि दसरहा, श्री प्रकाशमुनि नाम। दरस चरन गुरु के मिलय, दामाखेड़ा धाम। 6-माघ पंचमी शुभ […]