नाटक

नाटक : रसपिरिया

जान -चिन्हार पँचकौड़ी मुरदुंगिहाः- मुरदुंगिहा मोहना चरवाहाः- दस-बारा बच्छर के लइका रमपतियाः- मोहना चरवाहा के दाई जोधन गुरूः- रमपतिया के… Read More

7 years ago

छत्‍तीसगढ़ी नाटक : संदेसिया

दिरिस्य -1 सू़त्रधारः- बड़खा हवेली आप नाममात्र बर बढ़खा हवेली हावय, जिहॉं रात दिन कमिया कमेलिन मन अउ रेजा कुली… Read More

7 years ago

मया के मुंदरी

दिरिस्य:- 1 ठान:- दसरथ के महल दसरथ:- बसीगुरू मोला देखके तुंहला कुछु सवनसे नीए। बसीगुरू:- काय कहत हस तेला नी… Read More

9 years ago

नील पद्म शंख

अघवा: मया के सपना पिछवा: घोर कसमकस परदा भीतरी ले मया आगि हवय, कोन्हों बुता नी सकंय। मया धंधा हवय,… Read More

11 years ago

समारू कका आई पी एल मैच के दिवाना

समारू कका – हालो...हालो.... महराज- हलो...कौन? समारू कका – या मोला भाखा ल नई ओरखत हस का महराज, मय समारू… Read More

11 years ago

चित्रगुप्त के इस्तीफा

यमराज - मिरतू के देवताचित्रगुप्त - यमराज के मुकरदम, जीव मन के पाप-पुण्य के हिसाब रखईयायमदूत - यमराज के दूतएक… Read More

15 years ago