ये फिलिम वाले मन के चरित्तर हा अब तो छत्तीसगढ़िया मन के समझ ले बाहिर हे। काबर कि जउन फिलिम उद्योग म तरी ऊपर फिलिम ह बनत हे तउन ला देखे के बाद आम दरसक माने छत्तीसगढ़िया मन ला छत्तीसगढ़ी के सुवाद हा नई मिल पवत हे। जम्मो फिलिम हा बालीवुड ला कापी ऊपर कापी करत हे। तइसे लागथे नहीं भलुक कापीच करते हावय। कथा पटकथा संवाद म नाममात्र के छत्तीसगढ़ी भासा के प्रयोग, गीत म नंगत के मार गारी के आखर, धुन अइसन कि लोकधुन हा कई कोस पाछू…
Read MoreCategory: फिलमी गोठ
छत्तीसगढ़ फिलिम के दर्सक ग्रामीण
छत्तीसगढ़ी फिलिम पीटावत काबर हे? ये सवाल खड़े हावय- काय निर्माता निर्देशक मन स्तर के फिलिम नई बनावत हे? हमर निर्माता निर्देशक मन बहुत बढ़िया गीत, संगीत, कथा, पटकथा, हास्य, रचनावत हे। उच्च तकनिक के उपयोग होवत हे। कोरी-कोरी कलाकार अभिनय म सर्व सम्पन्न हे। सोचे के विषय आय। छत्तीसगढ़ी भासा ल राजभासा के दरजा पाय के बाद घलो आज साहर के लोगन मन हा छत्तीसगढ़ी म नइ बोलत हे एखर कई कारण हो सकत हे जइसे ओमन ला छत्तीसगढ़ी बोले म सरम आवत होही या हो सकथे ओमन हा…
Read Moreफिलिम समीच्छा : गुँरावट छत्तीसगढ़ीया मन के हिरदे म खुसरही
छत्तीसगढ राज बने के बाद सबो डहर ले राज हा अधवावत हे चौतरफा विकास के धजा लहरावत हे भले पेड़ कटावत हे फेर बिल्डिंग अउ सड़क हा राज ला समरिद्धी के खिपहसार देवत हे ये विकास के नाव म सेखी बघरइया तथा विकास के पुजेरी मन बर सथाल हे। सवाल म अउ कई ठीन सवाल हे ओमा संस्कृति के सवाल हे अब संस्कृति के सवाल म एक ठीन जबर सवाल ये हे कि कला संगीत अउ परंपरा के गढ कहां है? बीते बच्छर मा कला संस्कृति संगीत म राज हा…
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