वृत्तांत

वृत्तांत (10) : जिनगी ह पानी के, फोटका ये फोटका

पुनिया दादी अउ सफुरा आज असनान्दे बर पुन्नी घाट गेहे।पुन्नी घाट ल कोन नइ जानही ? राज-राज के मन इंहा… Read More

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वृत्तांत-9 मोला तो बस, येकरेच अगोरा हे

टूर- बुर गुठियावत हे।घासी के आंखी म नींद नइ आवा ते।काक सती ? तेला, सफुरा ह ,अपन दादी ल बतावत… Read More

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वृत्तांत- (5) कौरा के छिनइ अउ जीव के बचई : भुवनदास कोशरिया

घासी ह बइला गाडी ल तियार करत हे ,अपन ससुरार सिरपुर जाय बर । सवारी गाडी ये ।रथ बरोबर सजाय… Read More

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वृत्तांत- (6) सबे जीव के सरेखा ..रखना हे : भुवनदास कोशरिया

घासी के बइला गाडी सोनखनिहा जंगल ल पार होगे ।अब छोटे ,छोटे जंगल, पहार, नदिया, नरवा अउ कछार ,उबड, खाबड… Read More

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वृत्तांत- (7) अपन धरती अपन आगाश : भुवनदास कोशरिया

भीड ओसरी पारी खरकत गिस ।सब अपन अपन घर जाय लगिस ।सफुरा ह गाडी म चढीच। घासी घलो गाडी म… Read More

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वृत्तांत- (8) सिरपुर के पुन्नी घाट : भुवनदास कोशरिया

सिरपुर के पुन्नी घाट मा, जन सुनवाई के होय,बइठका ह समापन होइस। सब अपन ,अपन गांव, घर जाय लगिस।पेशवा शासक… Read More

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वृत्तांत- (2) पंग पंगावत हे रथिया : भुवनदास कोशरिया

पंग पंगावत हे, रथिया के चंउथा पहर ह पहावत हे ।सुकवा उगे हे, खालहे खलस गे हे । चिर ई… Read More

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वृत्तांत- (3) कोई उही म दहावत हे, कोई इही म भंजावत हे : भुवनदास कोशरिया

कुंवार लग गेहे ।सब धान के बाली ह, छर छरा गे है ।बरखा रानी के बिदाई होगे हे ।जगा- जगा… Read More

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वृत्तांत- (4) न गांव मांगिस ,न ठांव मांगिस : भुवनदास कोशरिया

अठुरिहा ह पहागे हे।जब ले बाहरा डोली म होय ध्यान ह,घासी के मूड म माढे हे तब ले अचकहा रोज… Read More

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वृत्तांत- (1) इंहे सरग हे : भुवनदास कोशरिया

संतरू के अंगना म पारा भर के लइका मन सकलाय हे। आज अकती ये। पुतरी, पुतरा के बिहाव करे बर,… Read More

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