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जीवन परिचय सुरता

छत्‍तीसगढ़ी नाचा के जनक : दाउ दुलारसिंह मंदराजी

राजनांदगांव ले सात किलोमीटर दूरिहा रवेली गांव हे। रवेली गांव के दाउ बाड़ा के बड़का अंगना म बड़े पेट वाला नान्‍हे लईका दुलार खेलत रहय, उही समे मा लइका ने नाना सगा के रूप म आइस। नाना ह देखिस बाड़ा के अंगना म तुलसी चौंरा म माढ़े उडगुड़हा पथरा के मद्रासी भगवान कस अंगना म […]

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गम्‍मतिहा : मदन निषाद

छत्‍तीसगढ़ के नाचा के मान ला देस बिदेस म फैलइया कलाकार मन म रवेली अउ रिंगनी साज के कलाकार मन के बड़ नाम हे। दाउ मदराजी के पंदोली अउ हबीब तनवीर के संगत म हमर पारंपरिक खढ़े साज नाचा के कलाकार मन अपन अभिनय के बल म हमर धरोहर लोक नाट्य नाचा के प्रसिद्धी ला […]

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नाचा के पहिली महिला कलाकार : फिदाबाई मरकाम

फिदा बाई छत्‍तीसगढ़ के नाच-गान म पारंगत देवार जात के बेटी रहिस। देवार डेरा म जनम के खातिर फिदा बाई बचपन ले अपन डेरा संग गांव-गांव घूम-घूम के नचई अउ गवइ करय, ओखर संग ड़ेरा के बड़े महिला मन तको नाचय-गावंय। देवार डेरा के पुरूष मन बाजा बजावंय अउ महिला मन नाचय, दाउ-गौंटिया अउ बड़े […]

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महान आदिवासी जननेता महाराज परवीरचंदर भंजदेव जी

परवीरचंदर भंजदेव के महतारी परफुल्ल कुमारी देवी के जनम 1910 म होए रहिस। परफुल्ल कुमारी बस्तर के महाराज रूद्र प्रतापदेव के अकलौती (अकेला) संतान रहिन, एकर सेती पिता के इंतकाल होए के बाद 11 बछर के उमर म महारानी बन गइन। परफुल्ल कुमारी के बिहाव मयूर गंज के राजा के बेटा युवराज परफुल्ल चंदर भंजदेव […]

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छत्तीसगढ़ के बेटी कौसिल्या

हमर छत्तीसगढ़ के इतिहास कतका प्राचीन हे तेला माता कौसिल्या के कथा ले जाने जा सकथे। भगवान राम ह त्रेतायुग म माता कौसल्या के गर्भ ले अवतरे रिहिस। माता कौसिल्या के नाव ले ही छत्तीसगढ़ के प्राचीनता के परमान मिलथे। छत्तीसगढ़ ल वो जमाना म कौसल देस काहय। कौसल देस के रतनपुर म हैहयवंसी राजा […]

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छत्तीसगढ़ के रफी : केदार यादव

सुरता : एक जमाना रहिस जब सत्तर – अस्सी के दसक म आकासवाणी ले छत्तीसगढ़ी के लोकप्रिय गीत ‘बैरी-बैरी मन मितान होगे रे, हमर देस मा बिहान होगे रे’ जब बाजय त सुनईया जम्मा छत्‍तीसगढ़िया मन ये गीत के संगे-संग गुनगुनाये लागंय। ये गीत के गायक के भरावदार गला अउ सुमधुर कोरस के संग पारंपरिक […]

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सत के अमरित धार बोहवईया : देवदास बंजारे

छत्‍तीसगढ़ के पारंपरिक पंथी के बारे म जब-जब बात होही, देवदास बंजारे के नाव ला कभू भुलाए नइ जा सकय। गुरू बाबा घसीदास के अमर संदेसा ला जन-जन मेर पहुचईया अउ पूरा दुनिया म फैइलईया देवदास बंजारे हमर देश के बड़का लोक कलाकार रहिस। हमर प्रदेश के पारंपरिक लोकनृत्‍य अउ गीत पंथी ल देवदास जी […]

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31 मार्च सुरता : शांति दाई

अपन दाई के सुमिरन कर अपन मन म कतको परसन मन ला सोचत हे। दाई के जाय के पाछू जम्मो परिवार का छितिर-बितर हो जाथे। ओला पोटारे बर अब कोन हे जेन हा ओ मन ला संभालत राहय, अपन मया के अंचरा मा गठिया के रखय, ते हा अब कहां है कोन कोती चले गे, […]

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सुरता : पद्मश्री डॉ. मुकुटधर पाण्डेय

30 सितम्बर 1895 के दिन, 113 बरिस पहिली हमर छत्‍तीसगढ के गंगा, महानदी के तीर बालापुर गांव म एक अइसे बालक के जनम होइस जउन हा बारा बरिस ले अपन गियान के पताका फहरावत पूरा भारत देस के हिन्‍दी परेमी पाठक मन के हिरदे मा छा गे । ये बालक के नाम रहिस मुकुटधर । […]