मूल कहानी . My Dog Marcus कथाकार – Colin Howard (कोलिन होवार्ड) अनुवादक – कुबेर कोई घला, जउन मोर बड़े जबर, सुंदर, आलसी, मूर्ख, सेंट बर्नार्ड नस्ल के मारकस से मिलतिस, विश्वास नइ कर पातिस कि अभी-अभी वो ह कोनो आइडिया सोचे हे। ये बात पक्का हे कि वो ह जउन आइडिया सोचे हे, वो ह वोकर जिन्दगी के पहिली आइडिया आय अउ मंय हा सोच नइ सकंव कि ये आइडिया ल वो ह सोचिस कइसे होही। वो आइडिया ह कुछ अइसे रिहिस कि जउन ह सेंट बर्नार्ड के जिन्दगी…
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अनुवाद : विष्णु भगवान के पदचिन्ह (Marks of Vishnu)
विष्णु भगवान के पदचिन्ह खुशवंत सिंह अनुवादक – कुबेर ’’ये ह कालिया नाग खातिर’’ सासर म दूघ ल ढारत-ढारत गंगा राम ह किहिस – ’’रोज संझा कुन कोठ तीर के बिला मेर मंय ह येला मंढ़ाथंव अउ बिहिनिया के होवत ले दूध ह सफाचट हो जाथे।’’ ’’का पता, बिलई ह पीयत होही।’’ हम नवजवान मन वोला सुझाव देयेन। ’’बिलई!’’ गंगा राम ह हमन के घोर निंदा करिस अउ किहिस – ’’ये बिला के नजीक कोनो इलई-बिलई नइ जा सकय। इहाँ कालिया नाग ह रहिथे। मंय ह वोला जब ले दूध…
Read Moreकथाकार आस्कर वाइल्ड के कहानी द मॉडल मिलियनेअर के अनुवाद : आदर्श करोड़पति
मूल – The Model Millionair (द मॉडल मिलियनेअर) कथाकार – Oscar Wilde (आस्कर वाइल्ड) अनुवादक — कुबेर जब तक कोई धनवान न हो, दिखे म सुंदर होय के कोई फायदा नइ हे। प्रेम करना घला भरे-बोजे, पोट मनखे मन के बपौती आय, निठल्लू मन के काम नो हे। गरीब मन ल तो बस रांय-रांय कमाना अउ लस खा के सुतना भर चाही (व्यवहारिक और नीरस होना चाहिए)। (आदमी खातिर) मनमोहक होय के बदला कमाई के स्थायी साधन होना ही बेहतर हे। इही ह आधुनिक जीवन के परम सच्चाई आय, जउन…
Read Moreअनुवाद : आखिरी पत्ता (The Last Leaf)
मूल रचना – The Last Leaf लेखक – ओ हेनरी अनुवादक – कुबेर वाशिंगटन स्क्वायर के पश्चिम म एक ठन नानचुक बस्ती हे जेकर गली मन बेढंग तरीका ले, येती ले ओती घूम-घूम के, एक दूसर ल छोटे-छोटे पट्टी म काटत निकले हे, जउन (पट्टी) मन ह ‘प्लेसिज’ (पारा या टोला) कहलाथे। ये जम्मों ‘प्लेसिज’ मन ह अजीब कोण वाले अउ चक्करदार हें। एके ठन गली ह खुद ल दू-तीन घांव ले काटे-काटे हे। एक घांव एक झन कलाकार ह अनमोल कल्पना करके अपन ये गली मन के खोज करे…
Read Moreमेजाई के उपहार
‘O’ HENRY (WILLIAM SYDNY PORTER) The Gift of the Magi (1862 – 1910) संक्षिप्त परिचय ’ओ. हेनरी’ के मूल नाम विलियम सिडनी पोर्टर रिहिस, इंकर जनम 11 सितंबर 1862 अउ निधन 05 जून 1910 म होइस। आप बैंक क्लर्क के नौकरी करत रेहेव। 1894 म 4000 डालर के चोरी के आरोप म आप ल जेल जाय बर पड़ गे। 1901 म छूटे के बाद आप अपन नाम ल बदल के ओ. हेनरी रख लेव। 1903 ले 1906 तक न्यूयार्क वर्ड मैगजीन बर आप हर हफ्ता एक कहानी लिखव। आपके चार…
Read Moreमंदझाला
मन के मतवार मन ला सौंपत हों आपन गोठ बच्चन के बानी ला सुन के मैंहर बचपन ले बया गए रहेंव, उंकर बानी के बान हर मोर हिरदे मा लागे हावय, कतको तीरथों हिटत नीए, एकरे बर तुमन ला बलाय हावौं, देखिहा आस्ते आस्ते तीरिहा, मोर हिरदे के बात हावय, ओकर तीर बने सचेत होके जाहा, कहूँ मोर हिरदे के बान तीरत तीरत कहूँ तुंहर हिरदे मा झन खुसर जाए। मैंहर अतका भारी कवि के कविता ला उधार मा ले हावौं, वो उधार ला मैंहर मोर गुरतुर भाखा, मयारू गोठ…
Read Moreभाषांतर : एक महिला के चित्र (मूल रचना – खुशवंत सिंह. अनुवाद – कुबेर )
छत्तीसगढ़ी साहित्य म अनुवाद के परम्परा ‘कामेडी आफ इरर’ के छत्तीसगढ़ी अनुवाद ले चालू होए हावय तउन हा धीरे बांधे आज तक ले चलत हावय. छत्तीसगढ़ी म अनुवाद साहित्य उपर काम कमें होए हावय तेखर सेती अनुवाद रचना मन के कमी हावय. दूसर भाखा के साहित्य के जब हमर छत्तीसगढ़ भाखा म अनुवाद होही तभे हमन दूसर भाखा के साहित्य अउ संस्कृति ला बने सहिन समझ पाबोन. येखर ले दूसर भाखा के साहित्य के रूप रचना अउ अंतस के संदेसा ला हमन जानबोन अउ अपन भाखा के रचना उन्नति खातिर…
Read Moreभाषान्तर : बुलबुल अउ गुलाब (मूल रचना – आस्कर वाइल्ड. अनुवाद – कुबेर )
छत्तीसगढ़ी साहित्य म अनुवाद के परम्परा ‘कामेडी आफ इरर’ के छत्तीसगढ़ी अनुवाद ले चालू होए हावय तउन हा धीरे बांधे आज तक ले चलत हावय. छत्तीसगढ़ी म अनुवाद साहित्य उपर काम कमें होए हावय तेखर सेती अनुवाद रचना मन के कमी हावय. दूसर भाखा के साहित्य के जब हमर छत्तीसगढ़ भाखा म अनुवाद होही तभे हमन दूसर भाखा के साहित्य अउ संस्कृति ला बने सहिन समझ पाबोन. येखर ले दूसर भाखा के साहित्य के रूप रचना अउ अंतस के संदेसा ला हमन जानबोन अउ अपन भाखा के रचना उन्नति खातिर…
Read Moreआनी बानी : 14 भाषा के कविता के छत्तीसगढ़ी अनुवाद
उर्दू शेर के अनुवाद
x x x चर्चा फलानिन के अउ हमर बखान ओ मेरले बईरी लहुट गे,काली जेन संगवारी रिहिस..ओकर गारी ला हम हंसी ठट्ठा जानेनका बताबे जेन जुन्ना चिन्हारी रिहिस..मया के लहसे दुःख पीरा कैसे बतातेन तेमाकुचराए अंगरी माँ लहू केतुरतुर धारीरिहिसहम कहाँ के चन्ठ , का जान्तेंन राग पागजाउन रिहिस ओ बेरा उमेश तिवारी रिहिस… x x x मै जियत हव चेता दे सब लामोर बैरी मन ला बता दे सब लाअगास दुरिहा हें भुइया तान्ठबनत दाम तक सुता दे सब लारहापट पाछू रोवई नई ए जरुरीआंखी,छाती,अंतस गुन्ग्वा ले सब लापिंजरा…
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