लक्ष्‍मण मस्‍तुरिया के कविता : आडियो

अनियाव सहय अउ देखय समझय वो तो कायर आए बहादुर नोहे आघू पांव परे पाछू घात करे वो बइरी रे सगा पाहुन नोहे जाके जंग म खेलय होरी असली वोही लाल लहू ये महाउर नोहे (Chhattisgarhi Kavita Fagun by Laxman Masturiya लक्ष्‍मण मस्‍तूरिया की छत्‍तीसगढ़ी कविता)

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गुरतुर भाखा : छत्‍तीसगढ़ी कविता पाठ

कृष्‍ण कुमार पाटिल के नवा एल्‍बम- ये एल्‍बम ल आप येदे कड़ी ले डाउनलोड़ कर सकत हव. लगभग 53 एमबी आरंभ में कृष्‍ण कुमार पाटिल जी के संबंध में प्रकाशित एक आलेख – भारतीय शास्‍त्रीय संगीत में छत्‍तीसगढ़ी बंदिशें

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