आगे असाढ़ गिरे पानी रे गियां । भिंजे परवा चुहे छानी रे ।। पवन चले पुरवाही । अचरा उढाही रे गियां ।। करेजा करे चानी चानी रे । आगे असाढ़ ………
Read MoreCategory: गीत
ठुमरी
सावन ह आगे तैं आ जा संगवारी झटकुन नइ आए तव खाबे तैंगारी। नरवा अउ नदिया म ह आए हे मोर मन के झूलना बादर म टंगाए हे। हरियर-हरियर हावय भुइयॉं महतारी झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी। बड़ सूना लागत हे सावन म अंगना अगोरत हे तोला ए चूरी ए कंगना। सुरता ह ठाढे हावय धर के आरी झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी। सावन ह आगे तैं आ जा संगवारी झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी। शकुन्तला शर्मा 288/7 मैत्रीकुँज भिलाई 490006 अचल 0788 2227477…
Read Moreकरिया बादर
करिया बादर ल आवत देख के, जरत भुइंया हर सिलियागे। गहिर करिया बादर ल लान के अकास मा छागे, मझनिया कुन कूप अंधियार होवे ले सुरूज हर लुकागे, मघना अस गरजत बादर हर सबो डहार छरियागे, बिरहनी आंखी मा पिय के चिंता फिकर समागे। करिया बादर… गर्रा संग बादर बरस के जरत भुइंया के परान जुड़ागे, सोंधी माटी के सुवास हर, खेत-खार म महमागे, झरर-झरर पानी गिरिस, रूख राई हरियागे, हरियर-हरियर खेत-खार मा नवा बिहान होगे। करिया बादर… दूरिया ले आवत बादर हर सबो ला सुख देथे चिरैया हर डुबकी…
Read Moreमन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु
जब मयं अमरेवं गाँव के मुहाटी लईका खेलत रिहिन भँवरा बांटी पीपर खांदा मा कूदत रिहिन बेंदरा सईंतत गोबर मोल दिखिस मंटोरा जान गयेंव इहीच मोर गाँव ए मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु || गाड़ी बईला कुदावत भईया घर आवे लोटा पानी धरे भौजी मुसकावे बईहाँ लमाये दाई-ददा आँसू ढारें आँसू खुसी के मोर आँखी ले बरसे पाँव परेंव इहीच मोर धाम ए मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु…
Read Moreतोर मया
जड़कल्ला म गोरसी आगी कस, पंडवानी के रंगधरी रागी कस जोर जुलूम में बिदरोही-बागी कस, बडे-बुजुरूग में नेवत पै लागी कस, रुस-रुस लागथे तोर मया॥ धपकाला म करसी पानी कस, चन्दा के ओग्गर जवानी कस, सुघ्घर राज के रजधानी कस लाल-लाल कलिन्दर चानी कस, गुरतुर लागथे तोर मया॥ करमा के मांदर थाप कस ददरिया के तान अलाप कस नवां घर म चढ़त सिलाप कस घर पहुंचे म बांचे धाप कस सुर-सुर लागथे तोर मया॥ बर-बिहाव में भड़ौनी गीत कस पुरइन पत्ता म ठाहरे शीत कस बड़ दुरिहा के लागमानी हित…
Read Moreबोरे-बासी के दिन आगे..
दही-मही संग बोरे-बासी के लगिन धरागे रे गोंदली संग सुघ्घर झड़के के दिन आगे रे………. http://mayarumati.blogspot.in/2013/03/blog-post_29.html
Read Moreकिशोर तिवारी के सस्वर गीत
फागुन गीत- वसंत म बिरह- हिन्दी ओज गीत-
Read Moreये भोले तोर बिना….
ये भोले तोर बिना…. जिनगी के चार दिना, कटही कइसे मोर जोंही गुन-गुन मैं सिहर जाथौं, ये भोले तोर बिना….. हांसी हरियावय नहीं, पीरा पिंवरावय नहीं जिनगी के गाड़ी, तोर बिन तिरावय नहीं श्रद्धा के गांजा-धथुरा, ले के तैं हमरो ल पीना… ये भोले… उमंग अब उवय नहीं, संसो ह सूतय नहीं बिपदा के बैरी सिरतोन, छोरे ये छूटय नहीं तुंहरे हे आसा एक्के, घुरुवा कस झन तो हीना… ये भोले… तन ह तनावय नहीं, आंसू अंटावय नहीं मया के कुंदरा जोहीं, छाये छवावय नहीं भक्ति म भगवान बिना, मुसकिल…
Read Moreबसंत गीत : सुशील भोले
बसंती रंग झूम-झूम जाथे… बगिया म आगे हे बहार, बसंती रंग झूम-झूम जाथे पुरवइया छेड़ देहे फाग, मन के मिलौना ल बलाथे मउहा ममहाथे अउ तीर म बलाथे मंद सहीं नशा म मन ल मताथे संग म सजन के सोर करवाथे….बसंती रंग…. परसा दहक गे हे नंदिया कछार झुंझकुर ले झांकत हे मुड़ी उघार लाली-लाली आगी कस जनाथे… बसंती रंग…. अमरइया अइसन कभू नइ सुहाय उल्हवा पाना संग मउर ममहाय कोइली तब मया गीत गाथे… बसंती रंग… लाली-लाली लुगरा के छींट घलो लाल राजा बसंत जइसे छींच दे हे गुलाल…
Read Moreहमर मया मा दू आखर हे
हमर मया मा दू आखर हे इही हमर चिन्हारी जी तुँहर प्रेम के ढ़ाई आखर ऊपर परिही भारी जी. हमर मया मा खोट नहीं हे सोना – चाँदी, नोट नहीं हे त्याग-तपस्या मूल मंत्र हे झूठ – लबारी गोठ नहीं हे अजमा के तुम हमर मया ला देखव तो संगवारी जी…… तुँहर प्रेम के ढ़ाई आखर ऊपर परिही भारी जी. तुँहर प्रेम बस सात जनम के मया जनम-जन्मांतर के प्रीत किये दु:ख होवे संगी मया मूल सुख-सागर के अपना के तुम हमर मया ला देखव प्रेम-पुजारी जी…… तुँहर प्रेम के…
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