पण्डवानी शैली के लोकप्रिय कबीर भजन गायिका : त्रिवेणी साहू

पण्डवानी के नाम सुनते साठ हमर आँखी के आघू म पाँचो पाण्डव के कथा चलचित्र सरिक चले लागथे । पण्डवानी मा अब तक आप पाण्डव/महाभारत के ही कथा सुने होहू फेर अब पण्डवानी शैली म कबीर के जीवन दर्शन भी गाये जावत हे अउ श्रोता मन ओतके आनन्दित होके सुनत भी हवय। पण्डवानी शैली म लोकप्रिय कबीर भजन गायिका बहन त्रिवेणी साहू सँग भेंट होइस। गोठ-बात के अंश :- आप पण्डवानी शैली म कबीर भजन गायन कब ले करत हव ? – मोर माताजी स्व.फूलबाई साहू (पण्डवानी शैली के प्रथम…

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मड़ई मेला

हमर छत्तीसगढ़ माटी के एकठन प्रमुख परब (तिहार) मड़ई मेला हर आय। मड़ई के नाव लेत्तेच म मन मा उत्साह अउ उमंग भर जथे। ए तिहार ला हमर राउत भैया मन बड़ धूम धाम से मनाथे। मड़ई मेला देवारी ले लेके महाशिवरात्रि परब तक चलथे। मड़ई मेला के आयोजन राउत भैया अऊ पूरा गाँव भरके मिलके करवाथे। मड़ई के आयोजन राउत मन के बदना तको रथे। बदना के सेती एकर आयोजन के खरचा ला बदना बदइया हा अकेल्ला उठाथे। मड़ई के आयोजन राउत मन के कुल देवता बर श्रद्धा अउ…

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छत्तीसगढ़ी दिवस 28 नवम्बर विशेष

हिंदी हिंदुस्तान के अउ छत्तीसगढ़ी छत्तीसगढ़ के सान आय एक दसक बीत गईस फेर महतारी भाखा हमर 8 वीं अनुसूची म सामिल नैइ हो पाईस छत्तीसगढ़ राज बने 17 बछर होगे। नवम्बर महीना ह छत्तीसगढ़ के परब आय। नवम्बर महीना ह छत्तीसगढ़ीहा मन बर दसहरा, दिवाली अउ होली के परब ल कम नोहे। 1 नवम्बर 2001 के हमर छत्तीसगढ़ ह नवा राज बनिस अउ 28 नवम्बर 2007 के विधानसभा म सरव सम्मति ले “राजभासा” के रूप म स्वीकिरीत करे गईस। छत्तीसगढ़ राज बनिस त हमर छत्तीसगढ़ में खुसी के ठिकाना…

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कला ले खिलवाड़

संगवारी हो, हमर हरियर पतित पावन भुइया छतीसगढ़ हवय।महतारी के मयारू कोरा म हमर कला अउ संसकिरीति के पालन पोषण होवत हवय। धान के कटोरा हमर छत्तीसगढ़ के कला अउ संसकिरीति के दुरिहा दुरिहा म पहिचान हवय। कहे जाथे की हमर छतीसगढ़ के संसकिरीति ह पूरा भारत देश म सबले जादा धनवान संस्कृति हवय। हरियर भुइया हमर छतीसगढ़ के जतका मीठ संसकिरीति हवय ओतके मीठ हमर गुरुतर भाखा छतीसगढ़ी हवय। करमा ददरिया सुवा पंथी कोन जनि कब ले आगास म गुजत् हे उही ला हमर पुरोधा कलाकार मन सहेज के…

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छत्तीसगढ़िया कहां गंवागे

कभू-कभू मोर मन मं, ये सुरता आवत हे। इडली-दोसा ह संगी, सबो झन ल मिठावत हे। चिला-फरा ह काबर, कोनो ल नइ भावत हे। छत्तीसगढ़ी बियंजन ह, छत्तीसगढ़ मं नंदावत हे। दूसर के रंग मं संगी, खुद ल रंगावत हे। बासी-चटनी बोजइया, पुलाव ल पकावत हे। पताल के झोझो नंदागे, मटर-पनीर सुहावत हे। छत्तीसगढ़ी बियंजन ह, छत्तीसगढ़ मं नंदावत हे। अंगाकर के पूछइया, पिज्जा हट जावत हे। बोबरा-चौसेला छोर के, सांभर-बड़ा सोरियावत हे। भुलागे खीर बनाय बर, लइका ल मैगी खवावत हे। छत्तीसगढ़ी बियंजन ह, छत्तीसगढ़ मं नंदावत हे। तिहार…

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बरी-बिजौरी मा लुकाय बिग्यान

हमर संस्कृति हा हजारों बछर मा थोक-थोक करके पनपे हवय, ते पाय के जम्मों चीज मा काहीं ना काहीं गूढ़ बात नइते बिग्यान लुकाय रथे, जेनहा सोजहे मा नइ समझ आवय। अब हमर खान-पान ला देख लव, कते मऊसम मा का खाना हे का बनाना हे अउ ओखर हमर तन मन धन अउ समाज मा का असर परही सबला सियान मन बड़ सोच के हमर संस्कृति ला सिरजाय रीहिन। बरी-बिजौरी बनाना, उपराहा माढ़े चीज जइसे सेमी, पताल, भांटा, आमा, के खुईला करना, चाँउर पापड़, हरदी, मिरचा मसाला ला सुखोना कुटना…

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सोनाखान के शान: वीर नारायण महान

छत्तीसगढ राज हा अपन पोठ खनिज संपत्ती के कारन देश-बिदेश मा परसिद्ध हावय। इहां चारो खुँट जंगल के हरियाली अउ अन-धन के अगाध खुशहाली बगरे हावय। धान-पान अउ ओनहारी बर हमर राज मा भन्डार आगर भरे रथे। एखरे सेती धान के कटोरा हमर छत्तीसगढ राज हा कहाथे। धरम-करम अउ दान-पुन मा घलाव हमार ए राज हा अघुवा हावय। मंदिर-देवाला,मेला-मङई,तीरथ-बरथ के कोनो कमी नइ हे। परकीती हा घलो हमर राज ला अंतस ले मया लुटाय हावय तभे तो इहां नंदिया-नरवा,कछार-भाँठा,मइदान,घाटी अउ खेत-खलिहान के भरमार हे। सबले बङे बात हमर ए नेवरिया राज…

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छत्तीसगढ़ के आसा, छत्तीसगढ़ी भासा

(छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस, 28 नवम्बर 2017 बिसेस) भासा के नाम म एक अऊ तामझाम के दिन, 28 नवम्बर। बछर 2007 ले चले आथे। ये दिन गोठ-बात, भासनबाजी, छत्तीसगढ़ी गीत-कविता, किताब बिमोचन, पुरस्कार बितरन। बस ! मंच ले उतरे के बाद फेर उही हिन्दी-अंगरेजी म गोठ। छत्तीसगढ़ी ल तिरया देथे । आज छत्तीसगढ़ी राजभासा के जनमदिन ए। राजनीतिक-समाजिक नेता, पत्रकार-साहितकार, कलाकार-कलमकार, अधिकारी-करमचारी अऊ जम्मो छत्तीसगढ़िया बर गुनान करे के दिन ए । सबे कहिथे के छत्तीसगढ़ी बड़ गुरतुर भासा ए। एकर गोठ ह अंतस म उतरथे। एकर ले अक्तिहा छत्तीसगढ़ी के…

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जड़कला मा करव योग रहव निरोग

हमर देस मा मउसम (रीतु)ल छे भाग मा बाटे हावय जेमा तीन मउसम गरमी,चउमास अउ जड़कला परमुख आय।जड़कला के मउसम हमर तन के अड़बड़ अकन परभाव बढ़ाय बर अच्छा होथे।ताकत, रकत, बिमारी ले लड़े बर प्रति रोधक। ए माउसम मा खाय पिये के बने बने जिनीस घलो मिलथे।लालभाजी,पालक, चनाभाजी, राखड़ी तिवरा भाजी आनी बानी के आयरन वाला भाजी खाना चाहिए। नरियर,चना,गुर अउ गरीब के बदाम फल्ली दाना ल जौन ए मउसम मा खाही ओला डाक्टर जगा जाय के जरुरत नइ परय।गाजर खाय के घलो बनेच फायदा हे। ये मउसम मा…

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सेंदुर के रंग नीला

छत्तीसगढ़ मा सनातन धरम के मनाइया माईलोगिन मन मांग भरथे। बिहाव होय दीदी, बहिनी, महतारी मन के चिन्हा आय मांग के सेंदूर। सेंदूर लाल रंग के होथे।कहे जाथे एला हरदी, चूना अउ मरकरी , गुलाब जल मिलाके बनाय जाथे। एक कमीला नांव के पेड़ के फर ले घलाव सेंदूर निकलथे। इही ल बिहाव के पाछू अपन मूंड़ मा बीच मांग मा ओ माईलोगिन मन भरथे, जेकर गोसाइया जीयत रथे।मानता हवय कि अपन गोसइया के उमर बढ़ाय बर एला करे जाथे। सीता माता बनवास के बखत कलीमा पेड़ के फर के…

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