बेरा के गोठ : गरमी म अईसन खावव पीयव

जेवन ह हमर तन अऊ मन बर बहुतेच जरुरी हे।खानपियन ल सही राखबो त हमर जिनगी ह सुघ्घर रही।भगवान घलो हमर जनम के पहिली ले हमर खायपिये के बेवस्था कर देते।अभी गरमी के मऊसम चलत हे ऐ मऊसम म सबला खाय पीये के धियान रखना चाही।सबले जादा हमर काया ल गरमी म पानी के जरुरत पड़थे।तन अऊ मन ल ठंढा राखे के अऊ पोसक तत्व के बहुतेच जरुरत हे। एकरे सेती हमनल धियान रखना हे कि कोन जिनिस ल खायपिये म संघेरन।हमर सियान गियानिक मन गरमी के दिन म खायबर…

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बुद्ध-पुन्नी

बईसाख के अंजोरी पाख के पुन्नी के दिन ल बुद्ध-पुन्नी काबर कहे जाथे ? त एखर उत्तर म ये समझ सकत हन के आज ले लगभग अढ़ई हजार बछर पहिली इही दिन भगवान बुद्ध ह ये धरती म जनम धरके अईस, अउ पैतीस बछर के उमर म इही दिन ओला पीपर रूख के नीचे म बईठे रहिस त ओखर तपस्या के फल माने सच के गियान ह अनुभव म अईस, अउ इहीच्च दिन अस्सी बछर के उमर म वो ह अपन देह ल छोड़ के ये दुनिया ले चल दिस|…

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हीरा मोती ठेलहा होगे

चंदू गजबेच खुस रहिस जब ओकर धंवरी गाय ह जांवर-जियर बछरु बियाईस।लाली अऊ सादा, दुनों बछवा पिला ल देख चंदू के मन हरियागे ।दुनों ल काबा भर पोटार के ऊंखर कान म नाव धरिस- हीरा अऊ मोती।ओकर गोसाईन समारीन ह पेऊंस बनाके अरोस-परोस म बाटीस ।चंदू के अब रोज के बुता राहय बिहनिया उठके गोबर कचरा फेंकय ,धंवरी ल कोटना मेर बांधके ओकर खायपिये के बेवस्था करय,फेर कलेवा करके खेती बारी में कमायबर जाय । लहुटके संझौती म हीरा-मोती संग खेलय।ओखर चार बछर के लईका संतोष घलो संगेसंग खेलय। समारीन…

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गरमीं के छुट्टी मा ममा गाँव

कलकूत गरमी मा इस्कूल मन के दु महीना के छुट्टी होगे हे। अब फेर इस्कूल खुलही असाढ मा। लइका मन मा टी.वी.,मोबाइल, कंप्यूटर, लेपटाप, विडियो गेम, देख-खेल के दिन ला पहाही अउ असकटाही घलाव। एकर ले बाँचे बर दाई-ददा मन हा गरमी के छुट्टी बिताय खातिर कोनो नवा-नवा जघा मा घुमे जाय के उदिम करहीं। कोनो पहाड़, कोनो समुंदर , कोनो देव-देवाला अउ कोनो पिकनिक वाले जघा मा जाँही अउ सुग्घर समे बिता के आहीं। ए हा अच्छा बात हे के नवा-नवा जघा देखे अउ घुमे ला मिलही,ओखर बारे मा…

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तलाश अपन मूल के

आज आसाम के दुलियाजान ले सुभाष कोंवर जी के फोन आये रिहिस। मार्च म रइपुर आये के बाद ले सुभाष के बैचैनी थोरकन ज़ादा बाढ़ गे हे। बेचैनी का बात के, अपन पुरखा मन के गांव अउ खानदान ल जाने के। सुभाष पहली घव मार्च 2017 म छत्तीसगढ़ आये रिहिन रइपुर म आयोजित पहुना संवाद म शामिल होये बर। पहुना संवाद के जुराव छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग करे रिहिस, आज ले तकरीबन डेढ़ सौ साल इंहा ले कमाए खाये बर असम गे अउ फेर उन्हें बस गेय छत्तीसगढ़िया मन…

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अकती तिहार : समाजिकता के सार

बच्छर भर के सबले पबरित अउ सुभ दिन के नाँव हरय “अक्षय तृतीया” जउन ला हमन अकती तिहार के रुप मा जानथन-मानथन। अक्षय के अरथ होथे जेखर कभू क्षय नइ होवय,जउन कभू सिरावय नही,कभू घटय नही अउ कभू मिटय नही। एखरे सेती ए दिन हा हिन्दू धरम मा सबले परसिद्ध अउ लोकपिरिय दिन माने गे हावय। अकती तीज के तिहार हा बइसाख महीना के जीज के दिन मनाय जाथे एखर सेती ए तिहार ला अकती तीजा घलो कहे जाथे। ए तिहार हिन्दू अउ जैन मन के एकठन सोनहा दिन के…

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एक बित्ता के पेट : सियान मन के सीख

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! नानकुन एक बित्ता के पेट हर मनखे से का नई करवावय रे। फेर संगवारी हो हमन उंखर बात ला बने ढंग ले समझ नई पाएन। संगवारी हो हमन 1 मई के अंतर्राश्ट्रीय मजदूर दिवस मनाथन। मजदूर दिवस सबले पहिली 1 मई 1923 के मद्रास (चेन्नई) में मनाए गै रहिस हावय जेला विश्व स्तर में मनाए के शुरूवात 1 मई 1886 से होय हावय। विश्व के 80 से जादा देश 1 मई ला मजदूर…

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घाम तो घाम मनखे होवई ह बियापत हे

ददा ह मोर, चौरा म बईठ के हमर खेती के कमईया गाँवे के भैय्या पुनऊ करा काहत रहय, पुनऊ ऐसो के घाम ह बाबु बड़ जियानत हे ग, कोनो मेर जाय बर सोचे ले पड़थे I त अतका सुन के पुनऊ ह तिलमिला गे, हमन कईसे करत होबो हमू मन तो मनखे यन कका, तुमन घरे म खुसरे रहिथव तभो ले अईसना गोठीयावत हौव, फेर एको अक्षर नई पढ़े राहय पुनऊ ह तभो ले अतेक गियान भरे हे ओकर मती म कि पढ़ईया लिखईया मन फेल हे ओकर आगू म…

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नवा बछर म करव नवा शुरुआत

हमर भारत म बारो महिना तिहार अऊ खुसी के दिन आवत रथे, फेर अंग्रेजी कलेंडर के एक चक्कर पुरे के बाद फेर एक जनवरी आथे अऊ ओला हमन नवा बछर के रुप म अब तिहार असन मनाये ल धर ले हन। येकर चलन हा अभी-अभी बाढ़ीस हवय, अऊ अब दिनो दिन बाढ़ते जावत हे। पहिली के मनखे मन चैत्र महिना में नवरात्रि के पहिली दिन आने वाला हिन्दी नवा बछर ल पारंपरिक ढंग ले मनाये अऊ ओला बड़ माने। अंग्रेजी हिन्दी दुनो नवा बछर के अपन-अपन ठऊर म अलग-अलग महत्ता…

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मोर लइका दारु बेचथे

महेस, लखन अऊ संतराम आज अबड़ खुस हे ऊंखर दाई ददा ,परवार के सबझन खुस हे अऊ अरोसी परोसी मन घलाव ऊंखर उछाह म संघरगे।आजेच तीनों झन ल नौउकरी म आय बर आदेस मिलीस हे। महेस ह सहर ले मिठई लाय हे तौन ल बांटत हे।लखन जलेबी बांटत हे ।संतराम के सुवारी ह तसमई अऊ सोंहारी बनाके परोसी मन घर भेजत हे। सबो संगवारीच हरय। तीनों झन गजब दिन ले बेरोजगारी , नकारा अऊ ठेलहा के ताना झेले रहीन। महेस 26 बच्छर के कुंवारा गबरु ऊंचपूर जवान लइका हे।अइसने लखन…

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