इसरो में साइंटिस्ट/ इंजीनियर के 87 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित

विज्ञापन क्र. : आई सी आर बी : 01: 2017 तिथि 2017/02/15 ऑनलाइन आवेदन आरंभ होने की तिथि: 15 फ़रवरी 2017 ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि: 07 मार्च 2017 ऑनलाइन आवेदन के लिए शुल्क का भुगतान करने की अंतिम तिथि: 08 मार्च 2017 पदों का विवरण : साइंटिस्ट / इंजीनियर ‘एस सी’ (इलेक्ट्रॉनिक्स) – 42 पद साइंटिस्ट / इंजीनियर ‘एस सी’ (मैकेनिकल) – 36 पद साइंटिस्ट / इंजीनियर ‘एस सी (कम्प्यूटर साइंस) – 09 पद योग्यता और अनुभव : न्यूनतम 65% अंक के साथ बीइ/बी टेक में फर्स्ट…

Read More

निफ्ट में एमटीएस व अन्य 38 पद, ग्रेजुएट/ डिप्लोमा होल्डर करें आवेदन

राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) ने असिस्टेंट, मशीन मैकेनिक, लैब असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट और मल्टी टास्किंग स्टाफ के 38 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करता हैं. आवेदन की अंतिम तिथि : 10 मार्च 2017 पदों का विवरण : असिस्टेंट (एकाउंट्स): 01 पद असिस्टेंट (एडमिन): 02 पद मशीन मैकेनिक: 03 पद लैब असिस्टेंट: 04 पद जूनियर असिस्टेंट: 12 पद मल्टी टास्किंग स्टाफ: 16 पद योग्यता: असिस्टेंट(एकाउंट्स): उम्मीदवारों ने किसी प्रसिद्ध विश्वविद्यालय / संस्थान से वाणिज्य / अर्थशास्त्र / सांख्यिकी / गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो और…

Read More

दारु भटठी बंद करो

बसंती ह अपन गोसइन बुधारू ल समझात रहिथे के – तेंहा रात दिन दारू के नशा में बुड़े रहिथस।लोग लइका घर दुवार के थोरको चिंता नइ करस ।अइसने में घर ह कइसे चलही ।दारू ल छोड़ नइ सकस ? बुधारू ह मजाक में कहिथे – मेंहा तो आज दारू ल छोड़ देंव वो। बसंती चिल्लाथे — कब छोड़े हस, कब छोड़े हस ? फोकट के छोड़ देंव कहिथस । बुधारू – अरे आज होटल में बइठे रेहेंव न,आधा बाटल दारू ल उही जगा छोड़ देंव । बसंती — हाँ तेंहा…

Read More

त्रिवेणी संगम म शाही स्नान के साथ राजिम महाकुंभ कल्प के होय समापन

बिहनिया साधु-संत मन के निकली भव्य शोभा यात्रा धर्मस्व मंत्री श्री अग्रवाल ह संगम म लगाईस डुबकी साधु-संत मन संग शोभा यात्रा मं होइस सामिल रायपुर, 25 फरवरी 2017। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम मं महानदी, पैरी अऊ सोंढूर नदिया मन के पवित्र संगम मं चलत राजिम महाकुंभ कल्प के कल महाशिवरात्रि पर्व म साधु-संत मन के शाही स्नान के अनुष्ठान के संग ही समापन हो गइस। नागा साधु मन अऊ आन साधु-संत मन सहित हजारों श्रद्धालु मन हर आज महाशिवरात्रि पर्व म संगम के शाही स्नान कुंड मं पावन स्नान…

Read More

होरी हे रिंगी चिंगी

रंग मया के डारव संगी फागुन के महिना रिंगी चिंगी रंगरेलहा अउ बेलबेलहा बरोबर हमर जिनगी मा समाथे। जिनगी के सुख्खा और कोचराय परे रंग मा होरी हा मया-पिरीत,दया-दुलार,ठोली-बोली,हाँसी-ठिठोली के सतरंगी रंग ला भरथे। बसंत रितु हा सरदी के बिदा करे बर महर-महर ममहावत-गमकत गरमी ला संगवारी बनाके फागुन के परघनी करथे। फागुन के आये ले परकीति मा चारों खूँट आनी-बानी के रिंगी-चिंगी रंग बगर जाथे। गहूँ के हरियर रंग,सरसों के पिंयर रंग,आमा मँउर के सोनहा रंग,परसा के आगी बरन लाली रंग,जवाँ,अरसी फूल अउ अँगना मा गोंदा, गुलाब,किसिम-किसिम के फूल…

Read More

करम के डोरी : सियान मन के सीख

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! करम के डोरी हर बड़ मजबूत होथे रे। फेर हमन उॅखर बात ला बने ढंग ले समझ नई पाएन। तइहा जमाना म जब ग्वाला हर गाय चराय बर जावय तब का करय? गाय ला एक ठन रूख़ म बांध देवय अउ अपन हर कोनो मेर छॉव में बइठके बॉसुरी बजावत बइठे राहय अउ उॅहा ले गाय के उपर घलाव नजर राखे राहय। गाय हर रूख के चारो कोती के दूबी ला सुघ्घर किंजर-किंजर…

Read More

विचार के लहर : सियान मन के सीख

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! हमला हर काम ला बने सोच-विचार के करना चाही रे। कभू अपन विचार ला खराब नई होवन देना चाही। हमला हर परिस्थिति में अच्छा सोच-विचार ले के ही कोनो काम ला करना चाही। फेर संगवारी हो हमन नई मानन। आज अतेक सुविधा होय के बावजूद हमर अतका बुता बाढ़ गै हावय के हमर करा सोचे के टाईम नई हे। अउ ए बात के हमला बहुत नुकसान उठाना परथे। संगवारी हो हमर विचार के…

Read More

मानव सेवा – देहदान : जरूरत अउ महत्ता

सरग इंहे, नरक इंहे । मरे के बाद कोन जीव कहाँ जाथे तेला कोनो नद जानय। बने करम करबे त ओकर सुख भोगे बर अउ घिनहा करम करबे त दु:ख भोगे बर इही भुइंया म फेर आना हे। सियान मन कहिथे के मरे के पहिली अइसन करम कर लव कि मरे के बाद जम्मो मनखे तुंहर सुरता राखय। दान, दक्षिणा, दीन-दुखी के सेवा, सहायता आदि कतको तरीका हवय जेकर ले आप पुन्न के काम करके मानवता के संदेश दे सकथव। दान करे के कई तरीका हे जइसे कोनो स्कूल बनवा दिस,…

Read More

छत्तीासगढ़ी म परथंम धर्म उपदेशक संत गुरू घासीदास

भारतीय इतिहास म 19वीं शताब्दी पुर्नजागरण के काल कहाथे। छत्तीासगढ़ म घलु इही काल के अलग पहिचान मिलथे। इतिहास कार मन के मुताबिक छत्तीिसगढ़ म कलचुरी राज 1000 ई. काल के तीर -तरवार ले सन् 1740 ई.तक माने जाथे। कलचुरी गोड़ राजा रहिस, येखर सेती छत्तीेसगढ़ के गाँव, कस्बा, डोगरी-पहाड़ म बसे लोगन म आज तलक गोड़ संस्कृति देखब म मिलथे। सन् 1740 म नागपुर के मराठा भास्कर पंत अपन सैनिक मन संग जुद्ध म कलचुरी राजा ल हराके सन् 1741म छत्तीासगढ़ ल हथियालिस तहां खुब्बेच लुटपाट अउ अइताचार करीन।…

Read More

दोसती

एक गांव म आगी लगे रिहीस । चारों कोती अफरा तफरी मच गे रिहीस । जे दऊड़ सकय , तेमन दऊड़ के अपन परान बचा लीन । असक्त अऊ कमजोर मन आगी म लेसाए बर मजबूर रिहीन । फेर एक झिन अइसे मनखे घला रहय , जे कहींच अंग ले खंगे अऊ खिरे नि रहय , न कन्हो कोती ले कमजोर , फेर कतको जगा ओकर देहें म लेसाए भुंजाए के निसान रहय । पता करे गीस , तब जानिन के , ये वो मनखे आए जेहा कमजोर अऊ असक्त…

Read More