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गोठ बात

अक्ती तिहार

छत्तीसगढ़ म हर तिहार ल हमन सुघ्घर रूप ले मनाथन। तिहार ह हमर घर, परिवार, समाज अउ संसकिरिती म रचे-बसे हावय जेखर कारन येखर हमर जीनगी म अब्बडेच़ महत्तम हे। तिहार ह हमर खुसी उत्साह के परतीक हावय जेला हमन सबो झन जुर-मिर के मनाथन। तिहार से हमन ल एक नवा उरजा मिलथे जेखर ले […]

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पुण्य सकेले के दिन आय अक्ती

हमर देस मा तिहार मनाय के परंपरा आदिकाल से चले आवत हे। भगवान ले मनौती करेबर, अशीस पायबर अउ मनौती पूरा होय के धन्यवाद देयबर तिहार मनाय जाथे। अइसने एक समिलहा तिहार बइसाख महिना के तीज के दिन मनाय जाथे जौन ला अक्ती तिहार कहे जाथे। अक्ती तिहार के छत्तीसगढ़ मा घलाव अबड़ मानता हे। […]

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अक्षय तृतीया विशेष : पुतरी पुतरा के बिहाव

हिन्दू धर्म में बहुत अकन तिहार मनाये जाथे । ये तिहार हा मनखे मे नवा जोश अउ उमंग पैदा करथे । आदमी तो रोज काम बुता करत रहिथे फेर काम ह कभू नइ सिराय । येकर सेती हमर पूर्वज मन ह कुछ विशेष तिथि ल तिहार के रुप में मनाय के संदेश दे हे । […]

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नंदावत हे अकती तिहार

अकती तिहार हमर छत्तीसगढ़ अँचल के बहुँत बढ़िया प्रसिद्ध परंपरा आय। ये तिहार ला छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव मे बड़ा हर्सोल्लास के संग मनाय जाथे। बैशाख महीना के अँजोरी पाख के तीसरा दिन मा मनाय जाथे।आज के जुग मा नवा-नवा मनखे अउ नवा-नवा जमाना के आय ले अउ हमर जुन्ना सियान मन के नंदाय ले हमर […]

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छत्तीसगढ़ी संस्कृति म गोदना

छत्तीसगढ़ी लोकाचार परंपरा म गोदना के अब्बड़ महत्म हे, येला छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़ी संस्कृति सामाजिक-आर्थिक, धार्मिक सब्बो म बढ़ ख्याति मिले हे, अउ ये पीरा देवइया परंपरा ल सब्बो छत्तीसगढ़िया आदिवासी मनखे मन आजो बड़ खुशी अउ जिम्मेदारी ले निभात आत हे, काबर की गोदना गोदवाना कोनो आसान बात नोहे, गोदना गोदाये के सौउख कराईया […]

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करसी के ठण्डा पानी

गरमी के मउसम अउ सुरूज नरायन अंगरा बरोबर तिपत हे। गरमी बरसात अउ ठण्डा के मउसम एक के पाछु एक आथे एहा जुग जुग ले चलत हे। फेर आजकल के मउसम बदले के समय हा घलो परिवरतन हो गे हे। आधुनिकता, उदयोग अउ बाढ़त परदूसन ले मउसम म घलो बदलाव होवत जावत हे। ऐ बदलाव […]

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धुरसा-मुरमुरा के झरझरा दाई

जिला मुख्यालय गरियाबंद से लगभग 60-65 किलोमीटर के दुरिहा में बसे नानकुन गाँव धुरसा-मुरमुरा,ये गाँव जंगल के तीर मा बसे हे।अउ इही गाँव के डोंगरी में दाई झरझरा अपन सुग्घर रूप ला साज के डोंगरी भीतर डेरा लगाके बइठे हे।जेनला लोगन मन दाई झरझरा रानी के नाव से मानथे।अउ डोंगरी के तीर मा बसे जम्मों […]

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बियंग : लहू

लोकतंत्र के हालत बहुतेच खराब होवत रहय। खटिया म परे परे पचे बर धर लिस। सरकारी हसपताल म ये खोली ले ओ खोली, ये जगा ले वो जगा किंजारिन फेर बने होबेच नी करय। सरकारी ले छोंड़ाके पराइवेट हसपताल म इलाज कराये के, काकरो तिर न हिम्मत रहय, न पइसा, न समय, न देखरेख करे […]

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राम जन्म : सबके बिगड़े काम सँवारथे श्रीराम

तुलसीदास हा रामचरित मानस लिखके,गाके अपन जिनगी ला तो सँवारिस अउ संगे संग कलियुग के राम नाम लेवाइया मन के बिगड़ी ला बना दिस।हर कल्प मा राम हा उँखर नाम लेवइया मनके उद्धार करे हे,भाग्य सँवारे हे। प्रभु राम के नाम जपत अहिल्या ला एक जुग पखरा बने बीतगे रहिस।ओकर गृहस्थी हा थोकिन गल्ती मा […]

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सिवनी (नैला) के चैत नवरातरी के संतोषी मेला

छत्तीसगढ़ म मेला ह हमर समाज संसकिरिती म रचे-बसे हावय जेखर कारन येखर हमर जीनगी म अब्बडेच़ महत्तम रखथे। माघी पून्नी ले जम्मों छत्तीसगढ़ म मेला भराये के सुरू हो जाथे। चाहे वोह राजीम के मेला हो, चाहे शिवरीनारायन के मेला, चाहे कोरबा के कंनकी मेला, चाहे कौड़िया (सीपत) के मेला, चाहे पीथमपुर (चांपा), चाहे […]