छत्तीसगढ़ी भाषा का मानकीकरण : कुछ विचार

डॉ. विनय कुमार पाठक और डॉ. विनोद कुमार वर्मा की पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ी का संपूर्ण व्याकरण’ पढ़ने को मिली। इसमें देवनागरी लिपि के समस्त वर्णों को शामिल करने की पुरजोर वकालत की गई है। यह भी ज्ञात हुआ कि डॉ. वर्मा और श्री नरेन्द्र कौशिक ‘अमसेनवी’ की पुस्तक ‘ छत्तीसगढ़ी का मानकीकरण : मार्गदर्शिका’ भी शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। यहाँ मैं ‘छत्तीसगढ़ी का संपूर्ण व्याकरण’ पुस्तक पर अपने कुछ सवाल और विचार रखना चाहता हूँ। क्या व्यक्तिवाचक संज्ञा के लिए ही देवनागरी लिपि के सभी वर्णों को स्वीकार किया गया…

Read More

महतारी भाखा के मान करव

मनखे हा जनम धरे के बाद जउन भाखा पहिली सीखथे उही हा ओखर महतारी भाखा कहाथे। इही महतारी भाखा हा वो मनखे के जीयत-मरत समाजिक चिन्हारी होथे, एखर बिन वो हा अधूरा रथे। महतारी भाखा हा मनखे के असल अउ मउलिक पहिचान होथे। महतारी भाखा के जघा ला अउ कोनो दुसर भाखा हा नइच ले सकय। जइसे गाय के दूध हा कभू दाई के दूध नइ बन सकय वइसने महतारी भाखा के बरोबरी कोनो नइ कर सकय। मनखे के सरी बिचार,बेवहार अउ बिकास के जरी ओखर अपनेच महतारी भाखा मा…

Read More

छत्तीसगढ़ी भाखा हे : डॉ.विनय कुमार पाठक

एक हजार बछर पहिली उपजे रहिस हमर भाखा छत्तीसगढ़ के भाखा छत्तीसगढ़ी आय जउन एक हजार बछर पहिली ले उपजे-बाढ़े अउ ओखर ले आघु लोकसाहित्य म मुंअखरा संवरे आज तक के बिकास म राज बने ले छत्तीसगढ़ सरकार घलो सो राजभासा के दरजा पाए हे। छत्तीसगढ़ी भाखा ल अपने सरूप रचे-गढ़े बर बड़ सकक्कत करे ल परे हे- पीरा-कोख मा जन्मेे, मया- गोदी मा पले, माटी महमई धरे अंचरा, छत्तीसगढ़ी भाखा हे। महानदी लहरा, जेखर मुअखरा, होंठ देरहौरी गाल बबरा, छत्तीसगढ़ी भाखा हे। छत्तीसगढ़ी ह ब्रज-सांही गुरतुर भाखा हे। पूर्वी…

Read More

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के वेबसाईट

भिलाई म छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के कार्यक्रम म मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ह छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के वेबसाईट के उदघाटन करिन. येमा छत्तीसगढ़ी भाषा के सम्माननीय साहित्यकार मन के नाम संग, राजभाषा विधेयक, फोटू, समाचार पत्र, माईकोठी योजना, बिजहा कार्यक्रम, छत्तीसगढ़ी पकवान के सुघ्घर जानकारी हावय. येमा छत्तीसगढ़ी शब्दकोस के पाना घलो हावय फेर अभी येमा जानकारी नइ ये, येखर अगोरा हावय. संचार साधन के होवत बिकास ला देखत हमला ये वेबसाईट के बड़ उछाह ले सुवागत करना चाही, राजभाषा आयोग ला ये सुघ्घर काम बर गुरतुर गोठ परिवार डहर ले…

Read More

हमर भाखा – छत्तीसगढ़ी : श्रीमती हेमलता शर्मा

हमर भाखा छत्तीसगढ़ी के विकास बर अऊ ओला राजभाखा बनाए बर हम सब छत्तीसगढ़िया मन ला अऊ कतका रद्दा देखे बर परही, तेन हर एक ठन सोचे के बिसय आय। छत्तीसगढ़ ला अलग राज बनाए बर भी हमन ला अब्बड़ मेहनत करे बर परे रहीस तइसने अब छत्तीसगढ़ी ला राजभाषा बनाए बर सबो झन ला एकजुट होए बर परही तभे कुछू रसता निकलही तइसे लागथे। छत्तीसगढ़ के सब ले बड़े दुरभाग ऐ खुद छत्तीसगढि़या मन ऐला बोले मा लजाथे, अउ पढ़े मा घलो अलकरहा लागथे अइसे मन बना ले हें,…

Read More

काम काजी छत्तीसगढ़ी, स्वरूप, अउ संभावना

शुरूवात ला पहिले देखे जाये तो छत्तिसगढ़ ला अलग राज बनाये खतिर बहुत पसीना बहाइन, जउन मन मेहनत करीन अपन सब काम काज, घर गृहस्थी के व्यवस्था ला छोड़-छोड़ के। आखिर सफल होइन अउ छत्तिसगढ़ राज्य बना के दम लेइन। अब ध्यान गेइस राज भाषा बनना चाही, उहू हमर सियान मन के प्रयास से आखिर बन गे। इहॉं तक कि छत्तिसगढ़ राजभाषा आयोग छत्तिसगढ़ शासन के गठन भी होगे। ऐ हर तो ओखर दर्पण जैसे स्वरूप बन के तैय्यार होगे। स्वरूप के दर्पन ला खाली देखे में काम नई चलय,…

Read More

छत्तीसगढ़ी के मानकीकरन अउ एकरूपता : मुकुन्द कौशल

बिलासा कला मंच कतीले सन् दू हजार एक म छपे, डॉ पालेश्वरशर्मा के लिखे छत्तीसगढ़ी शब्दकोश के भूमिका म छत्तीसगढ़ी के बैंसठ मानक शब्द मन के मायने अउ ओकरे सँग वर्ण /संज्ञा/वचन/सर्वनाम/विशेषण/क्रिया अउ कृदन्त ले संबंधित ब्याकरन के गजब अकन जानकारी, डॉ. रमेशचंद्र मेहरोत्रा जी ह अगुवा के लिख डारे हवैं। डॉ. चित्तरंजनकर अउ डॉ. सुधीर शर्मा के सँधरा किताब “छत्तीसगढ़ी भाषा, स्वरूप और संभावनाएँ” जउन सन् दू हजार म छप चुके हे, ते मा घलो ये बिसय उपर बनेकन अँजोर डारे गे हवै। हकीकत म मानकीकरन ह, छरियाए बोली…

Read More

छत्तीसगढ़ी के पीरा अउ छत्तीसगढ़िया : डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला

1 नवम्बर 2000 के छत्तीसगढ़ राज बनीस त सबो छत्तीसगढ़िया मन अब्बड खुस होगे, एकर पाऐ नही कि छत्तीसगढ़ राज बनगे बलकि एकर पाऐ कि अब छत्तीसगढ़ी ह राजभाषा बनही अउ जम्मों छत्तीसगढ़ म आदर के साथ इही भाखा में काम होही। सरकार बनीस अऊ उम्मीद बनिस की सरकारी घोषणा के बाद हर सरकारी दफ्तर, पंचायत, स्कूल, दुकान मन में छत्तीसगढ़ी में सूचना अऊ पत्र लिखे जाही त हमर काम काज के भाखा छत्तीसगढ़ी हो ही। नेता मन सब आसवासन तो दिन कि छत्तीसगढ़ म काम घलव छत्तीसगढ़ी म करे…

Read More

छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनही

छत्तीसगढ़ी ला राजभासा के दरजा तो मिलगे फेर अब तक ले कामकाज के भासा नई बन पाय हे। कामकाज के भासा बनाए बर छत्तीसगढ़ भर बिदवान मन चिंता फिकर करत हें। आखिर छत्तीसगढ़ी कामकाज के भासा कइसे बनय।छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनहीछत्तीसगढ़िया मन के छत्तीसगढ़ राज के सपना ल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ह पूरा करिस। छत्तीसगढ़ ल छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी अउ डॉ. रमन सिंह ह हरियइस। छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बनाए के श्रेय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ल जाथे। छत्तीसगढ़ी ल राजभासा के दरजा…

Read More

समय मांगथे सुधार,छत्तीसगढ़ी वर्णमाला एक बहस

एक डहर हम चाहथन के छत्तीसगढ़ी ल चारों मुड़ा विस्तार मिलय, अउ दूसर डहर लकीर के फकीर बने रहना चाहथन। कुआं के मेचका बने रहना चाहथन, त बात कइसे बनही? आज ले सौ-पचास साल पहिली हमर पुरखा मन नानकुन पटका पहिर के किंजरय, आज अइसना पहिरइया मन ला अशिक्षित अउ पिछड़ा कहे जाही। वइसने आज भासा के दर्जा प्राप्त छत्तीसगढ़ी ल ‘बोली’ के मापदण्ड म लिखबो तभो पिछड़ा अउ अशिक्षित माने जाबो। कोनो भी मनखे ह अपन अंतस के भाव ल कोनो दूसर मनखे ल समझाय खातिर जेन भासा के…

Read More