संत कोटि के अलमस्त कवि बद्रीबिशाल परमानंद

जेन मनखे के रचना मन भले कभू पत्र-पत्रिका के मुंह नइ देखिन, फेर लोगन के कंठ म बिना वोकर रचनाकार के नांव जाने बइठिस अउ सुर धर के निकलिस, उही तो लोककवि होइस. सन् 1917 के रथयात्रा परब के दिन रायपुर जिला के गाँव छतौना (मंदिर हसौद) म महतारी फुलबाई अउ ददा रामचरण यदु जी के घर जनमे बद्रीबिशाल यदु ‘परमानंद’ जी के संग अइसने होए हे. उनला उंकर जीयत काल म ही लोककवि के रूप म चिन्हारी मिलगे रिहिसे. वोकर लोकप्रियता अतेक रिहिसे, जेला देख के हमूं मनला गरब…

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सुरता: लोक संगीत म जीवन ल समर्पित करइया महान कलाकार – खुमान साव

कोनो भी अंचल के संस्कृति वो क्षेत्र के पहिचान होथे. येमा वोकर आत्मा ह वास करथे. जब अपन संस्कृति ल जन मानस समाज ह कोनो मंच म प्रस्तुति के रूप म देखथे त ऊंकर हिरदे म गजब उछाह भर जाथे. ढाई करोड़ के आबादी वाला हमर छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति के अलगे पहिचान हे. येला जन जन तक बिखेरे म जउन महान कलाकार मन के हाथ हे वोमन म स्व. दुलार सिंह साव मंदराजी, स्व. दाऊ रामचंद्र देशमुख, स्व. महासिंग चन्द्राकर, स्व. हबीब तनवीर, स्व. देव दास बंजारे, स्व. झाड़ू…

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नवा थियेटर के वरिष्ठ कलाकार अऊ रिंगनी-रवेली नाच पार्टी के जोक्‍कर उदय राम श्रीवास

छत्‍तीसगढ़ के माटी म एक ले बढ़के एक लोक कलाकार मन के जनम होए हे। ये धरती के लोक कलाकार मन देस-बिदेश म अपन कला के डंका बजाए हें, तइसनहे एक कलाकार उदय श्रीवास घलो ह रहिस। उदय श्रीवास हास्‍य अउ व्‍यत्‍पुन्‍नमि के जबर कलाकार रहिस, उमन रोवत दर्शक मन ल घलो हंसाए के सामरथ रखत रहिन। छत्‍तीसगढ़ी लोक कलाकार धन्‍नु सिन्‍हा के बताती, उदय श्रीवास मंजे कलाकार  भर नइ रहिन उमन  बेकस्टेज मे प्रस्तुति के पहिली एक-एक कलाकार मन के कपड़ा, वेश-भूषा उपर तको चेत करंय अउ अपन ले…

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हमर गुरूजी – 9 दिसमबर पुन्यतिथि बिसेस

अंधियार गहरावत हे। मनखे छटपटावत हे। परकास के अगोरा म हाथ लमाये बइठे हे लोगन। परकास हमर जिनगी म कइसे हमाही, एकर चिनतन मनन अऊ परकास लाने के उदिम बहुतेच कम मनखे मन कर पाथे। जेन मनखे हा परकास ला भुंइया म बगराके, दुनिया ला जगजग ले अंजोर कर देथे उही मनखे हा जग म गुरूजी के नाव ले पुजाथे। गुरूजी हा अइसन परानी आय जेहा जिनगी भर, दिया कस बरके जग के अंधियारी ला दुतकारथे अऊ ललकारथे। लोगन ला बने रद्दा म रेंगाये अऊ ओकर ठऊर तक अमराये के…

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मंगल पांडे के बलिदान : 8 अप्रैल बलिदान-दिवस

अंगरेज मन ल हमर देस ले भगाए बर अउ देसवासी मन ल स्‍वतंत्र कराए बर चले लम्बा संग्राम के बिगुल बजइया पहिली क्रान्तिवीर मंगल पांडे के जनम 30 जनवरी, 1831 के दिन उत्तर प्रदेश के बलिया कोति के गांव नगवा म होय रहिस। कुछ मनखे मन इंकर जनम उत्‍तर प्रदेश के साकेत जिला के गांव सहरपुर म अउ जन्मतिथि 19 जुलाई, 1927 घलोक मानथें। मेछा के रेख फूटतेच इमन सेना म भर्ती हो गये रहिन। वो बखत सैनिक छावनी मन म गुलामी के विरुद्ध आगी सुलगत रहिस। अंग्रेज मन जानत…

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बाबू जगजीवनराम अऊ सामाजिक समरसता : 5 अप्रैल जन्म-दिवस

हिन्दू समाज के निर्धन अऊ वंचित वर्ग के जऊन मनखे मन ह उपेक्षा सहिके घलोक अपन मनोबल ऊंचा रखिन, ओमां बिहार के चन्दवा गांव म पांच अप्रैल, 1906 के दिन जनमे बाबू जगजीवनराम के नाम उल्लेखनीय हे। ऊंखर पिता श्री शोभीराम ह कुछ मतभेद के सेती सेना के नौकरी छोड़ दे रहिस। उंखर माता श्रीमती बसन्ती देवी ह गरीबी के बीच घलव अपन लइका मन ल स्वाभिमान ले जीना सिखाइस। लइकई म बाबू जगजीवनराम के स्‍कूल म हिन्दू, मुसलमान अउ दलित हिन्दु मन बर पानी के अलग-अलग घड़ा रखे जात…

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छत्तीसगढ़ के गिरधर कविराय – जनकवि कोदूराम “दलित”

(108 वाँ जयंती मा विशेष) 1717 ईस्वी मा जन्में गिरधर कविराय अपन नीतिपरक कुण्डलिया छन्द बर जाने जाथें। इंकर बाद कुण्डलिया छन्द के विधा नँदागे रहिस। हिन्दी अउ दूसर भारतीय भाखा मा ये विधा के कवि नजर मा नइ आइन। पठान सुल्तान, जुल्फिकार खाँ, पंडित अम्बिकादत्त व्यास, बाबा सुमेर सिंह, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, मन सुप्रसिद्ध कवि के दोहा के भाव मा विस्तार दे के अउ रोला जिद के ये विधा ला पुनर्स्थापित करे के कोशिश जरूर करिन। हास्य कवि काका हाथरसी घलो कुण्डलिया जइसे दोहा अउ रोला मिलाके छै डाँड़ के…

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रायपुर नगर निगम के मयारू : ठाकुर प्‍यारे लाल

अगस्त सन् 1937 म जब ठाकुर प्‍यारे लाल साहब रायपुर मुनिसपल कमेटी के अध्यक्ष चुने गीन तब मुनिसिपल कमेटी म डेढ़ लाख रूपिया के करजा रहिस। मुनिसिपल कमेटी के कर्मचारी मन के तरक्की छै-सात बछर ले रूके परे रहिस। इही हालत स्कूल के गुरूजी मन के घलोक रहिस। शहर के सड़क उखर गए रहिस, स्कूल के छत अतका टपकत रहिस के पढ़इया लइका मन ल स्कूल म बइठके पढना मुश्किल हो गए रहिस। ठाकुर साहब के दू साल के प्रेसीडेंटी म सब करजा अदा होगे, सड़क मन के हालत सुधार…

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सुरता सुशील यदु

सहज, सरल, मिलनसार अउ मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी सुशील यदु जी के पिता के नाम स्व.खोरबाहरा राम यदु रहिस । एम.एम. (हिन्दी साहित्य) तक शिक्षा प्राप्त यदु जी प्राइमरी स्कूल म हेड मास्टर के पद रहिन । छत्तीसगढ राज बने के पहिली ले छत्तीसगढी भाखा ल स्थापित करे के जडन आंदोलन चलिस ओमा सुशील यदु के नाम अग्रिम पंक्ति म गिने जाथे । छत्तीसगढी भाखा अउ साहित्य के उत्थान खातिर हर बछर छ.ग. म बडे-बडे आयोजन करना जेमा प्रदेश भर के 400-500 साहित्यकार ल सकेलना, भोजन पानी के व्यवस्था करना…

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मोर संग चलव रे ..

पं. दीनदयाल उपाध्याय : व्यक्तित्व अउ कृतित्व – संजीव तिवारी जनम अउ शिक्षा – कभू-कभू धरती के जनमानस ल नवा दिशा देहे अऊ जुग बलदे के उदीम ल पूरा करे बर युग पुरूष मन के जनम होथे। ओ मन संकट के समय म जनम लेहे के बाद घलोक अपन जनमजात चमत्कारिक प्रतिभा ले बड़े ले बडे़ काम पूरा करके अन्तरध्यान हो जाथें। बीसवीं शताब्दी के सुरू म भारतीय क्षितिज म कुछ अइसनहे जाज्ज्वल्यमान नक्षत्र मन के उदय होइस। जेमन अपन प्रकाश ले भारत वसुन्धरा ल आलोकित कर दीन। ए काल…

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