हे भगवान , मोर जिनगी म अच्छा दिन कब आही । कोन्हो मोला , पूछे – गऊंछे काबर निही ? कोन्हो बड़का मनखे मोर कोती झांक के काबर नि देखे ? में भूख , गरीबी अऊ बेरोजगारी के बीच जियत , असकटा गेंव । मोला उबार भगवान इहां ले । भगवान हांसिस । तैं झोपड़ी अस बेटा , अच्छा दिन तोर बर नोहे । तोर बांटा म जेन परे हे तिही ल समेट , अऊ उही म सुख खोज । तेंहा एकर ले अच्छा दिन के हिच्छा झिन कर ।…
Read MoreCategory: व्यंग्य
बियंग: रूपिया के पीरा
पहिली घांव रूपिया ल रोवत देखिन लोगन। जंगल म आगी लगे जइसे खबर फइल गे। कतको झिन ल बिसवास नि होइस । सचाई ल जाने बर कतको मनखे बेचेन होए लागिन। सरी दुनिया ल अपन तमासा अउ करतब ले रोवइया ल, उदुप ले रोवत सुनना अउ देखना, आसचर्य अउ सुकुरदुम होए के, बिसे रिहीस। जम्मो सोंचे लागिन काबर रोवत हे रूपिया, काए बिपत्ती परे हे ओकर उप्पर। सकलागे उही जगा म कतको मनखे। पूछे गऊंछे लागिन। काए पीरा खावत हस या तेमे, डेंहक डेंहक के रोवथस? बड़ किरोली के पाछू…
Read More18 मई बट सावितरी पूजा विसेस : सत्यवान के खोज (बियंग)
नगर म हलाकान परेसान माईलोगिन के दुख नारद ले नी देखे गिस । जिनगी म सुख भोगे के रद्दा बतावत किहीस के, जेठ मास अमावस तिथि के बड़ रूख के पूजा करे बर लागही । त भगवान सिव जी परसन्न हो जही, अउ तोर जिनगी म सत्यवान वापिस लहुट जही, अउ जेन सुख के आस हे, ते पूरा हो जही । कुछ बछर पाछू, उदुप ले, उहीच माईलोगिन ले नारद के फेर भेंट होगिस । नारद ओखर ले कुछु पूछतिस तेकर ले पहिली, वो माई खुदे केहे लागिस – तेंहा…
Read Moreबियंग ( संदर्भ – घेरी बेरी होवत किसान मन के मौत ) : बिसेला कोन
देस ल अजादी मिले कुछेच बछर पाछू के बात आय । एक गांव म , एक किसान , उदुप ले , बिन कोन्हो बीमारी के , दुनिया ले चल दिस । काबर मरिस ? कोन्हो ल खोज खबर करे के जरूरत अऊ फुरसत दूनों , नि रिहीस । दू चार झिन कारन खोजे के परयास करिन , तेमन ल सिरिफ झिड़की मिलीस । ओकर चिट्ठी चिरा गिस – तेकर सेती मर गिस होही , कहिके चुप करा दिन । समे बीतत अइसन घटना के बाढ़ आगिस । सरकार करा ,…
Read Moreजनता जनारदन
अभी बिगत दिन चुनई के माउहौल रहीस बड़ जोर-सोर ले नेतामन उनकर कारकरतामन परबार के मनखेमन जीतोड़ परतयासीमन के परचार -परसार करत रहिन, गली-खोल ऐसनहा लागै जाना मन कोनो बर बिहाव होवत रहीस हमर भोली-भाली जनता मन ला निच्चट जोजवा अव लोभी समझ लुगरा, पइसा, कंबल अव जरत के चीज बांट के भल मनखे अव जिमेदार मनखे बनत रहीन, फेर नई जानत रहीन कि आज के जनता जनारदन समय अनरूप सवधानअव जागरूक होगे हावय, कोनो तामझाम अव परलोभन नई आवय ऐकर परतक्ष उदाहरन अभी के नगर निगम नगरपालिका के चुनई…
Read Moreकुकुर कटायन
रामरमायन तिंहा कुकुर कटायन कहिथे। जिंहा सुभ काम के सुभारंभ होथे उँहे कुकुरमन के पहुँचना जरूरी होथे। कुकुर मन के ए दखलंदाजी ल देखके कभू कभू अइसे भरम होय लगथे के सुभ असुभ कोनो किसिम के काम होवय इंकर बिना असंभो हे। जइसे छट्ठी होवय चाहे मरनी नेता मन के उद्घाटन बिना असंभो होथे। कोनो मेर दू चार झिन मिलके बने बिचार-बिमर्स करत रहिबे। ओतके बेरा कुकुर मन आके झगरा होवत बिचार ल फोर भंगला देथे। बने बने सोचत चुप्पे अपन रस्ता म जावत रहिबे। इन अपने अपन भूंके लगथे।…
Read Moreनकाब वाले मनखे
अभीन के समे हॅ बड़ उटपटॉग किसम के समे हे। जेन मनखे ल देख तेन हॅ अपन आप ल उॅच अउ महान देखाए के चक्कर म उॅट उपर टॉग ल रखके उटपटॉग उदीम करे मा मगन हे। ंअइसन मनखे के उॅट हॅ कभू पहाड़ के नीचे आबेच नइ करय। आवस्कता अविस्कार के महतारी होथे ए कथनी ल मथानी म मथके अइसन मनखे मन लेवना निकाले बर गजब किसम किसम के उदीम करत रहिथे। मिहनत करइया मन के कभू हार नइ होवय सही बात घलो ए। इन मन हॅ आजकल अहसनेच…
Read Moreसरग म गदर
बिसनू लछमी के सादी के सालगिरह रहय।उन दोनो सरग म बइठे बिचार मगन रहिस हे। बिग्यान के परगति कहव के, सुस्त मस्त अउ पस्त खुपिया बिभाग के चमाचम कारसैली के कमाल कहव, के कुकुर मन संग बिस्कुट खावत खावत संगत के असर कहव चाहे तुहर मन करय ते इतफाक से कहव बिसनू लछमी के दिमाक के बात ल पिरथीवासी मन पिहिलीच ले सुंघिया डरिन। सब लोक ले एकक झिन प्रतिनिधि पहुचगे।मिरितलोक म खलक उजरगे।एक करोड़ मनखे पेल दिन बेसरम फूल धरे धरे। जेमा सब के सब भारत के राहय। भारत हॅं…
Read Moreबाढ़ ले आये बढ़वार
असाड़ बुलक गे सावनों निकलइया हे लपरहा बादर हा घुम घुम के भासन दे दे के रहि गे। बिजली घलो दू चार घॅव मटमटाइस । किसान मुहू फारे उप्पर डाहर ल देखत बोमियावत हे – गिर भगवान गिर। उप्पर वाले भगवान ह भुइया के भगवान ल फेर एक घव बेकुफ बना दिस। बेकुफ का बनाए बर लगही किसाने खुद बेकुफ हे। सरकार ह बोर कोड़वाय के मसीन निकाल देहे। मरहा खुरहा किसान के नान मुन डोली डांगर खेत खार ल खनके नाहर बना दे हे त तुम उप्पर वाले ल…
Read Moreनेता मन के जनमदिन के पोस्टर हा साल भर पूरा राईपुर शहर मा चटके रथे
धान कस टुकुर-टुकुर देखत खड़े रहेव बियंग संजीव खुदशाह जब ले मै राईपुर आये रहेउं, नेतामन के जनमदिन के पोस्टर ला देख के मोर मन हा कसमसा के रईगीस। मोला लागीस के मै राईपुर नही कोनो नेता के घर मा पहुचगेव। को रे बाबु हमन ई नेता मन ला बोट देके अतके कन गलती करे हन, कि हमन अपन लईका के जनम दिन ला भुला जाथन। लेकिन ई नेता मन के जनमदिन के पोस्टर हा साल भर पूरा राईपुर शहर मा चटके रथे। ई मन राजयोग ला पाने वाला पूरा…
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