छत्‍तीसगढ़ी जनउला (पहेली-प्रहेलिकायें)

बिना पूंछी के बछिया ल देख के, खोदवा राउत कुदाइस खेत के मेंड ऊपर बैठके, बिन मूंड के राजा देखिस (मेंढक, सर्प और गिरगिट) नानक टुरी के फुलमत नांव हे, गंवा के फुंदरा गिजरिया गांव (पैली, काठा ) काटे ठुड़गा उलहोवय नहीं (बोडरी ) एक ठन धान के घर भर भूसा (चिमनी ) कर्रा कुकरा, अंइठ पूंछी, अउ छू दिहीच, ते किकया उठीच (शंख) खा पी के जुठही बलावय (बहारी ) वृहद आनलाईन छत्‍तीसगढ़ी-हिन्‍दी शब्‍दकोश की कड़ी- https://dictionary.gurturgoth.com दिन मन अल्लर राहय, रात कन अडे़ राहय (छांद डोरी ) पेट…

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जनउला (प्रहेलिकायें)

1) बीच तरिया में टेड़गी रूख। 2) फाँदे के बेर एक ठन, ढीले के बेर दू ठन। 3) एक महल के दू दरवाजा, वहाँ से निकले संभू राजा। 4) ठुड़गा रूख म बुड़गा नाचे। 5) कारी गाय कलिन्दर खाय, दुहते जाय पनहाते जाय। 6) कोठा में अब्बड़ अकन छेरी, फेर हागे त लेड़ी नहीं। 7) अँउर न मँउर, बिन फोकला के चउँर। 8) नानचून टूरा, कूद-कूद के पार बाँधे। 9) नानूक टूरा, राजा संग खाय ल बैइठे। 10) नानचून बियारा में, खीरा बीजा। 11) तरिया पार में फट-फीट, तेकर गुदा बड़ मिठ। 12) तरी बटलोही उपर डंडा, नइ जानही तेला…

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