आरटीओ चेकिंग : समसामयिक हास्य संस्मरण

एक्सीलेटर ल मुठा म चीपे जोर से अइंठत सुन्ना रोड म फटफ़टी ल भगावत रहेंव, सनसन..सनसन… बोंअअ…ओंओंअअ ..। रद्दा में देखेंव त आठ दस झन मनखे मन तिरयाये अपन मोटरसाइकिल धरके खड़े रहय। एक झन नवरिया बिहतिया कस लागिस ओखर सुवारी कनिहा के आत ले मुड़ ला ढांके रहय। एक झन बनिया व्यापारी टइप मनखे गाड़ी के पाछू म बोरा लादे अउ आघू पुट्ठा म सामान धरे तीर मा ठाढे रहय। दू झन मनखे जबरन गाड़ी के प्लक ल खोल के साफ़ करत रहय, सब्बो गाडी वाले मन ल ठाढ़े…

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बेटी की हत्या : संस्मरण

वाह रे निष्ठुर आदमी बेटे की चाहत में दो दो बेटियों को माँ की कोख में ही मार डाला, तीसरी जब बेटी पैदा हुई तो उस अभागिन की माँ चल बसीI पिता ने फिर दूसरी शादी रचा ली, दूसरी बीवी से एक बेटा हुआ,पिता और माँ का पूरा ध्यान उस अभागिन पलक से हट कर बेटे पर हो गया I पलक धीरे धीरे बड़े होने लगी और वो अपनों के बीच में उसे परायेपन का एहसास होने लगा,चार साल की उम्र में उसकी सौतेली माँ ने वहीं पास के सरकारी…

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