Sargujiha

सरगुजिहा व्‍यंग्‍य कबिता: लचारी

जीना दूभर होइस, अटकिस खाली मांस है। बेटा अठवीं फेल, बहुरिया सुनथों बी.ए. पास है।। झाडू-पोंछा बेटा करथे, घर कर… Read More

4 years ago

सरगुजिहा बोली कर गोठ

बदलाव परकिरती कर नियम हवे। संसार कर कोनों चीज जस कर तस नई रहथे। सरलग बदली होअत रहथे। एहर आपन… Read More

4 years ago

लईका मन कर सरगुजिहा समूह गीत: पेटू बघवा

ये गीत कहिनी ला लइका मन नाटक बनाए घलो खेल सकत आहाएं एक झन बघवा बनही और बाकी लइका मन… Read More

4 years ago

सरगुजिहा लोक गीत – जाड़ा

हाय रे जाड़ा हाय रे जाड़ा ऐसो एतेक बैरी हो गे ठिठुरत हवे हाड़ा हाय रे........ भिनसारे गोदरी में दुबके… Read More

5 years ago

सरगुजिहा गीत

हाथे धरे बीड़ा, लगावत हो रोपा मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी मिले आबे............... बेर उगते ही डसना उड़ासेन… Read More

5 years ago