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Sargujiha कविता

सरगुजिहा व्‍यंग्‍य कबिता: लचारी

जीना दूभर होइस, अटकिस खाली मांस है। बेटा अठवीं फेल, बहुरिया सुनथों बी.ए. पास है।। झाडू-पोंछा बेटा करथे, घर कर भरथे पानी। पढ़ल-लिखल मन अइसन होथें, हम भुच्चड़ का जानी। दाई-दाउ मन पखना लागें, देवता ओकर सास है। बेटा अठवीं फेल, बहुरिया सुनथों बी.ए. पास है।। जबले घरे बहुरिया आइस, टी.बी. ला नइ छोड़े। ओकर […]

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Sargujiha

सरगुजिहा बोली कर गोठ

बदलाव परकिरती कर नियम हवे। संसार कर कोनों चीज जस कर तस नई रहथे। सरलग बदली होअत रहथे। एहर आपन संघे कहों सुख त कहों दुख लानथे। जेकर में सहज रूप ले बदली होथे . ओकर परिनाम सुख देवईया अउ जिहाँ जबरजस्ती करथें उहाँ दुख देवईया होथे। जम जगहा कर संघे सरगुजा में हों जबरजस्स […]

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Sargujiha गीत बाल गीत

लईका मन कर सरगुजिहा समूह गीत: पेटू बघवा

ये गीत कहिनी ला लइका मन नाटक बनाए घलो खेल सकत आहाएं एक झन बघवा बनही और बाकी लइका मन जनावर। पाछू बाट जंगल कर परदा लगाए के, साज बाज संघे खेल सकथें। पेटू बघवा पेटू बघवा बन में आइस पेटू बघवा (गुर्र गुर्र गुर्र) जीभ लमाए-लप्पर लप्पर लार चुहाए-टप्पर टप्पर जंगल भर उदबास होय […]

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Sargujiha गीत

सरगुजिहा लोक गीत – जाड़ा

हाय रे जाड़ा हाय रे जाड़ा ऐसो एतेक बैरी हो गे ठिठुरत हवे हाड़ा हाय रे…….. भिनसारे गोदरी में दुबके सूते रहथो, कईसे उसरी काम बूता मने मने कहथो, अकड़ल हाथे हाय रे दाई कईसे झाड़ो,आंगन बाड़ा हाय………. हालू हालू उसरा के बूता घामा तापत रहथों, जीते जायल घामा उते खटिया खींचत रहथों, छिंड़हा कांचे […]

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Sargujiha गीत

सरगुजिहा गीत

हाथे धरे बीड़ा, लगावत हो रोपा मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी मिले आबे…………… बेर उगते ही डसना उड़ासेन माया मिलाए के केलवा बनाएन खाएक आबे संगी तै सुन ले फरी फरी. मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी। तै हस संगी मोर हिरदे कर चैना, तै हस मोर सुगा मै हो तोर मैना, […]