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छत्‍तीसगढ़ी शब्‍द के हिन्‍दी अर्थ और प्रयोग

पिछले दिनों कुछ शब्‍दों पर आपस में बातें होती रहीं- अखरा कोतल बाहुक गेदुर अगवारिन फाता डमरुआ देवारी लमना अरमपपई… Read More

10 years ago

गरीबा महाकाव्य (तीसर पांत : कोदो पांत)

३. कोदो पांत अपन स्वार्थ बर सब झन जीथंय परहित बर कम प्राणी। पर के सुख बर जउन हा जीयत… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य (दूसर पांत : धनहा पांत)

गरीबा महाकाव्य नूतन प्रसाद 2. धनहा पांत ठेलहा बइठे मं तन लुलसा-ऊपर ले बदनामी । काम करे मं समय व्यवस्थित-ऊपर… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य (पहिली पांत : चरोटा पांत)

गरीबा महाकाव्य नूतन प्रसाद 1. चरोटा पांत बिना कपट छल के प्रकृति ला मंय हा टेकत माथा । बुद्धिमान वैज्ञानिक… Read More

11 years ago

मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता

(कविता-जनहित मा जारी)जौन गढ्ढा मा जनम धरिसे ,ओला सपाट बनालवमक्खी-मच्छर ला मारवअउ तुम उनला दूर हकालव.मच्छर के चाबे से होथेडेंगू… Read More

13 years ago

इस अंक मेंखने ला न कोड़े ला, धरे ल खबोसामंगल कामना के दिन आय अक्तीकाहनी : फंदी बेंदरामानवता के पुजारी… Read More

13 years ago

भिनसारे ले हर-बोलवा मनरूख ले अलख जगावंय!झुनकी घुंघरू संग मजीराधरे खंजरी गावंय!भाग देख दरवजा आइनहर गंगा दुहरावंय!सबके मंगल अपन संग… Read More

13 years ago

छत्‍तीसगढ़ के ब्‍लॉगर अशोक बजाज भाई ला कोरी कोरी बधई

 हिन्‍दी नेट जगत के हमर मयारू ब्‍लॉगर संगी अशोक बजाज भाई केछत्‍तीसगढ़ प्रदेस मसहकारिता, पर्यावरण, नसा मुक्ति अउ किसान हित… Read More

13 years ago

लोकप्रिय-अतिलोकप्रिय-महालोकप्रिय व वरिष्‍ठ-कनिष्‍ट-गरिष्‍ठ ब्‍लॉगरआरंभ मा पढव : - सृजनगाथा के चौथे आयोजन में ब्‍लॉगर संजीत त्रिपाठी सम्मानित पं. द्वारिका प्रसाद… Read More

13 years ago