कलजुगिया झपागे

देखव देखव संगी,कईसन जमाना आगे। अंते-तंते होवत हावय,कलजुगिया झपागे।। भेद-भाव के गिरहा धर लेहे, फुट होथे घर-घर। बालि शुगरी होगे भाई-भाई, देखत धरथे जर। भुइंया बर होवाथे लड़ाई,महाभारत ह समागे, अंते-तंते होवत… नवा-नवा खाना होगेहे, होवाथे नवा बिमारी। गली-गली,चौरा-चौरा म, होवथे चुगली चारी। गीता अऊ पुरान मन ह कते डाहर लुकागे, अंते-तंते होवत… मनखे तन ल काला कहिबे,संसकार भुलावत हे। छोटे-बड़े कोनो ह संगी ,सममान कहा पावत हे। हिंदू धरम नंदावत,आनी-बानी धरम अब आगे, अंते-तंते होवत… पवन नेताम “श्रीबासु” सिल्हाटी,स./लोहारा,कबीरधाम, संपर्क-9098766347

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बारो महीना तिहार

बारो महीना तिहार के बहार। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। चइत महिना आगे नवरात्रि आगे। जोत बरे घरो घर जंवारा बोंवागे। दुरगा दाई के सेवा ला बजाले। राम जनम सुख सोहर के बहार। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। बइसाख महिना आगे बर बिहाव आगे। फूटगे फटाका बरतिया सकलागे। गंड़वा बाजा अऊ डीजे घलाेक आगे। नोनी के बिदा होगे बहुरिया आगे। बर बिहाव घरों घर होवत हे उछाह। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। जेठ महिना आगे रग रग ले घाम हे। चूहे पसीना तब ले करना परही काम हे. जेठ मा…

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राखी के आगे तिहार

राखी के आगे तिहार मोर भईया, राखी के आगे तिहार। जल्दी आबे अबेर झन करबे, बईठे रहूं मंय तियार। मोर भईया राखी के आगे तिहार… भाई बहिनी के दया मया बर,ये तिहार हा आथे। भईया बहिनी के रक्षा करथे,रक्षा बंधन कहाथे। भाई येहा डोरी नोहय,हरय मया दुलार। राखी के आगे तिहार.. भईया रहिथे मोर ले दुरिहा,मंय रहिथंव परदेश। मोर मंयारू भईया लेवत रहिथे,मोर सोर संदेश। तीजा पोरा मा जम्मो झन सकलाबो,बाढ़थे मया दुलार। राखी के आगे तिहार.. लईका पन के सब्बो संगवारी,अभी ले सुरता आथे। खेलन कूदन पढ़न लिखन,रहि रहि…

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आगे सावन रे

आगे सावन रे बादर हा बाजे ना। हो बरखा रानी के संग संग मा पवन हा नाचे ना। हो बरखा रानी के संग संग.. झर झर झर झर झरना झरगे,भरगे ताल तलैया। कुहू कुहू बन कोइली बोले,गावत हे अमरइया। परबतिया नाचे सबो नंदिया गावे ना। हो बरखा रानी के संग … खल खल खल खल नंदिया भरगे,नरवा मन उतराय। खलबल खलबल कर जावे सब सागर में मिल जाय। मंजूर नाचे रे तीतूर गावे ना। हो बरखा रानी के संग… हिरनी हिरन खुसी मनावे,बधवा के जी जुडा़य। हाथी हथनी पानी पी…

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नैन तै मिला ले

मोर संग नैना तै मिला ले गोरी मोर….. मोर संग नैना तै मिला ले ….. 2 छुटे न तोर मोर बंधना जनम के जोड़ी। अपन मया तै मोला देखा दे। मोर संग नैना तै मिला ले गोरी मोर…. मोर संग नैना तै मिलाले……. तोर मया ल मैं अपन बनाहू राजा मोर तोर मया ल मैं अपन बनाहू….. तोर नाव के मेहंदी अपन हाथ म लगाहुं। मया के भांवर मैं तोरे संग पराहुं। मोर संग नैना तै मिला ले गोरी मोर…. मोर संग नैना तै मिलाले……. जियत ले तोर संग जिनगी…

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सावन के परत हे फुहार

सावन के परत हे फुहार। रे संगी मोर आजा मोला झन बिसार। गरज चमक के बईरी बजुरी डरवावत हे। पानी के परत हे झिपार। रे संगी मोर आजा…. छानी के ओईरछा हा, टप टप चुहत हे। जइसे मोर आँसू के धार। रे संगी मोर आजा…. हरियर रूख राई मन, मोला बिजरावत हे। तुहंर बिना ठुंडगा जिनगी हमार। रे संगी मोर आजा… एसो के सावन मा आ जाबे जोंही मोर। नही ते बादर कस जिनगी अंधियार। रे संगी मोर आजा… सुरता आथे तोर चुहत रहिथे आँसू। काबर सुरता दिये हव बिसार।…

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बम बम भोले

हर हर बम बम भोलेनाथ के , जयकारा लगावत हे । कांवर धर के कांवरिया मन , जल चढाय बर जावत हे । सावन महिना भोलेनाथ के, सब झन दरसन पावत हे । धुरिहा धुरिहा के सिव भक्त मन , दरस करे बर आवत हे । कोनों रेंगत कोनों गावत , कोनों घिसलत जावत हे । नइ रुके वो कोनों जगा अब , भले छाला पर जावत हे । आनी बानी के फल फूल अऊ , नरियर भेला चढावत हे । दूध दही अऊ चंदन रोली , जल अभिसेक करावत…

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चल ना रे कांवरिया

चल ना रे कांवरिया, चल कांवर ल धरले। सिका-जोंती चुकिया में,गंगा जल भरले।। चल ना रे कांवरिया……………………. सावन के महीना हावै,शिव शंभु दानी के। कर सेवा मन भरके,कांवर ले कमानी के।। हर-हर बम भोले बाबा,पावन काम करले। चल ना रे कांवरिया…………………….. छोटे-बड़े सबो जाथे ,भोले के दरबार में। गिरे-अपटे मनखे मन, खड़े हे दुवार में।। जउने आसा करबे पाबे, बेल पतरी लेले। चल ना रे कांवरिया……………………. भोला के मंदिरवा लगे,भगत मन के मेला। दुरिहा ले कांवर धरे ,आवत, धरे भेला।। ॐ नमः शिवाय, बोधन राम तहुँ जपले। चल ना रे…

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सावन के सवागत हे

बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे। अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे। गली-खोर मा चिखला, नांगर,भँइसा-बइला । खेती-खार,मुँही-टार, नसा चढगे सबला ।। जाँगर ला जगावत हे,करम ला कमावत हे। अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे ।।१ बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।। चुहय छानी-परवा, छलकै नदिया-नरवा। दबकै चिरई-चाँटी , दउङै गाय-गरूवा ।। माटी ममहावत हे,चंदन जइसे लागत हे। बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।।२ अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे।। हरियर धरती धानी, सकेलय सुग्घर पानी। जुच्छा हावय बिन जल, जीव जगत जिनगानी।। भुँइयाँ पियास बुतावत हे,छाती जुड़ावत हे। अमरित अमावत हे,सावन के…

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सहे नहीं मितान

घाम जाड़ असाड़ मा,सेहत के गरी लहे नही मितान। खीरा ककड़ी बोइर जाम बिही,अब सहे नहीं मितान। बासी पेज चटनी मोर बर, अब नाम के होगे हे। खाना मा दू ठन रोटी सुबे,अउ दू ठन साम के होंगे हे। उँच नीच खाये पीये मा, हो जाथे अनपचक। कूदई ल का कहँव,रेंगई मा जाथे हाथ गोड़ लचक। जुड़ घाम मा जादा झन,जायेल केहे हे। गरम गरम बने पके चीज,खायेल केहे हे। धरे हौं डॉक्टर ,चलत हे रोज इलाज। बस बीते बेरा ल,सोचत रहिथों आज। एक कन रेंगे मा,जाँगर थक जाथे। सुस्ती…

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