आदि परब के अद्भुत रंग – सुशील भोले

गुड़ी के गोठ बसंत ऋतु संग बलदे मौसम के नजारा संग कला-जगत के घलो रंग बदलत देख के मन गदगद होगे। छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति के नांव म इने-गिने गीत-नृत्य मन के प्रस्तुति देख-देख के असकटाये आंखी ल आदि परब के रूप में मनमोहनी देखनी मिलगे। एला देखे के बाद मन म ए बात के प्रश्न घलोक किंजरे लागिस के जब छत्तीसगढ़ के मूल आदि संस्कृति म कला के अइसन अद्भुत संसार रचे-बसे हे, त फेर छत्तीसगढ़ ले बाहिर छत्तीसगढ़ी के नांव म जेन कला-मंडली भेजे जाथे वोमा ए मन के समावेश…

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