हमर गांव डाहर झलप के तीर म ढेलवा डोंगरी हे। एकर ले संबंधित भीम अउ हिरमिसी कैना (हिडम्बनी) के एक कथा हे। ये डोंगरी म ओ कैना के महल रिहीस अउ झूले बर बड़े जनिक ढेलवा रिहीस। पंडो मन के बनवास के समय घूमत घामत एक दिन भीम ह ओ डोंगरी म आगे। ढेलवा झूलत […]
Category: गोठ बात
प्रो. अश्विनी केशरवानी भव्य ललाट, त्रिपुंड चंदन, सघन काली मूंछें और गांधी टोपी लगाये सांवले, ठिगने व्यक्तित्व के धनी पंडित शुकलाल पांडेय छत्तीसगढ़ के द्विवेदी युगीन साहित्यकारों में से एक थे.. और पंडित प्रहलाद दुबे, पंडित अनंतराम पांडेय, पंडित मेदिनीप्रसाद पांडेय, पंडित मालिकराम भोगहा, पंडित हीराराम त्रिपाठी, गोविंदसाव, पंडित पुरूषोत्तम प्रसाद पांडेय, वेदनाथ शर्मा, […]
लाकडाउन के बीच कई दिन के बाद असम म रहइया कुछ छत्तीसगढ़िया मनखे मन ले बातचीत होइस। पहली बात होइस बामनवाड़ी निवासी ललित साहू ले जेकर काली जन्मदिन रहिस। ललित के पूर्वज धमतरी तीर के जंवरतला नाम के गांव ले चाय बागान म काम करे बर असम गे रहिन जिहां अभी उंखर पांचवा पीढ़ी निवास […]
एक दौर था जब छत्तीसगढ़ में रेडियो से यह गीत बजता था तो लोग झूम उठते थे और बरबस इस गीत को गुनगुनाने लगते थे। छत्तीसगढ़ी लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आरंभिक दौर में ददरिया, करमा और सुवा गीत जैसे पारंपरिक लोक छंदों के बीच अपनी भाषा में भारत वंदना गीत सुनकर आह्लादित होना छत्तीसगढि़यों के […]
हमर देस राज म शिक्षक के महत्तम
कोनो भी देस के बिकास ह सिछक के हाथ म होथे काबर के वो ह रास्ट्र के निरमान करता होथे। वो ह देस के भबिस्य कहे जाने वाला लईकरन मन ल अपन हर गियान ल दे के पढ़ईया लईकरन मन ल ये काबिल बनाये के कोसिस करथे के वो ह देस के बिकास के खातिर […]
गणेश पूजा अउ राष्ट्र भक्ति
भारत के आजादी मा गणेश भगवान अइसे तो भगवान गणेश के पूजा आदिकाल से होवत आत हे।कोनो भी पूजा, तिहार बार के शुरुआत गणेश के पूजा ले होथय।सनातन अउ हिन्दू रीति रिवाज मा गणेश ला प्रथम पूज्य माने गय हे। गौरी गणेश के पूजा बिन कोनो पूजा ला सफल नइ माने जाय। हमर देश मा […]
राजागुरु बालकदास : छत्तीसगढ़ गवाही हे
भिंसरहा के बात आय चिरइ चुरगुन मन चोंहचीव चोंहचीव करे लगे रहिन…अँजोरी ह जउनी हाथ म मोखारी अउ लोटा ल धरे डेरी हाथ म चूँदी ल छुवत खजुवावत पउठे पउठा रेंगत जात हे धसर धसर।जाते जात ठोठक गे खड़ा हो के अंदाजथे त देखथे आघू डहर ले एक हाथ म डोल्ची अउ एक हाँथ म […]
तीजा – पोरा के तिहार
छत्तीसगढिया सब ले बढ़िया । ये कहावत ह सिरतोन मा सोला आना सहीं हे । इंहा के मनखे मन ह बहुत सीधा साधा अउ सरल विचार के हवे। हमेशा एक दूसर के सहयोग करथे अउ मिलजुल के रहिथे । कुछु भी तिहार बार होय इंहा के मनखे मन मिलजुल के एके संग मनाथे । छत्तीसगढ़ […]
धरसींवा के शिव मन्दिर
चरौदा, धरसींवा रायपुर में स्थित शिव मन्दिर के इतिहास के बारे आप अगर गाँव सियान मन ल पूछहू त झटकुन ऊँखर जुबान म पहिली नाम बाबू खाँ के आथे, हाँ ये उही बाबू खाँ आए जब 45 साल पहिली जब पूरा देश आजादी के प्रभात फेरी अऊ जश्न मनाए म डूबे रिहिस त बाबू खाँ […]
आठे कन्हैया
हमर भारत देस ह देवता मन के भुइंया हे येखर कोना-कोना पुण्य भुंईया हेे। इहां पिरीथिवी लोक म जब-जब धरम के हानी होवत गईस तब-तब भगवान ह ये लोक म अवतार लिहीस। भगवान सिरी किसन जी ह अरजुन ल कुरूक्षेत्र म भागवत गीता के अध्याय 4 के स्लोक 7 अउ 8 म उपदेस देवत कईथे […]