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गोठ बात

तिरंगा कब ऊंच होही ?

रिगबिग सिगबिग चारों मुड़ा दिया कस बरत रहय झालर लट्टू। झिमिर झिमिर गिरत पानी बरसात म, किंजरे बर निकले संकर भगवान पूछत रहय – काये होवथे पारबती। पारवती मइया किथे – तहूं कहींच नी जानस भगवान, पनदरा अगस्त के भारत अजाद होये रिहीस, ओकरे खुसी म इहां के जनता मन अपन झंडा ल फहराये के […]

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माटी के मया सियान मन के सीख

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! माटी के अबड़ मया़ होथे रे। फेर हमन उॅखर बात ला बने ढंग ले समझ नई पाएन। संगवारी हो जब हमन छोटे-छोटे रहेन तब हमन ला प्राथमिक विद्यालय के गुरूजी बहिन जी मन परीक्षा होय के बाद पुट्ठा […]

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लोग लइका बर उपास – कमरछट के तिहार

छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा कहे जाथे । काबर इंहा धान के फसल जादा होथे ।इंहा के जादातर मनखे मन ह खेती के काम करथे । किसान मन ह अपन खेत में हरियर हरियर धान पान ल देख के हरेली तिहार मनाथे । हरेली तिहार के बाद से छत्तीसगढ़ में बहुत अकन तिहार मनाये जाथे […]

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मया-दुलार:राखी तिहार

मया, दया अउ दुलार के चिन्हार राखी तिहार। राखी तिहार ला रक्छा बंधन के नाँव ले हमर देश भर मा सावन पुन्नी के दिन मनाय जाथे। राखी तिहार हा भाई-बहिनी के तिहार माने जाथे। ए दिन हर बहिनी मन हा अपन भाई मन के कलई मा राखी बाँध के ओखर लम्बा अवरदा के असीस माँगथे। […]

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भाई -बहिनी के तिहार – राखी

(राखी तिहार विशेष) भाई बहिनी के सबले पवित्र तिहार हरे राखी ह। बचपन में भाई बहिनी मन कतको लड़ई झगरा होत राहय, फेर राखी के दिन ओकर मन के प्रेम ह देखे बर मिलथे । राखी तिहार के अगोरा भाई बहिनी दूनो झन मन करत रहिथे। कब मनाथे – राखी के तिहार ल सावन महिना […]

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बादर गरजत हे

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] सावन भादो के झड़ी में, बादर ह गरजत हे । चमकत हे बिजली, रहि रहि के बरसत हे । डबरा डबरी भरे हाबे , तरिया ह छलकत हे । बड़ पूरा हे नदियाँ ह जी , डोंगा ह मलकत हे । चारों कोती खेत खार , हरियर हरियर […]

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प्रेमचंद के काहनी अऊ छत्तीसगढ़

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] प्रेमचंद ल छत्तीसगढ़ के लईका सियान सबो जानथे उखर काहनी इस्कूल अऊ कालेज म पढ़ाय जाथे, प्रेमचंद ल हिन्दी काहनी के सम्राट कहे जाथे काबर कि वो हा 300 ले आगर काहनी लिखे हावय, ओला उपन्यास सम्राट घलाव कहिथे। सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कर्मभूमि, गोदान, गबन, कफन, अईसने अड़बड़ […]

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समे समे के गोठ ये

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] सांच ल आंच काय हे जेन मेर गलत दिखते तेला बोले बर पड़ही, जेन ह हमर छतीसगढ़ के माटी के अपमान करही, जेन ह ईहाँ के मया ल लात मारही अऊ जेन मनखे ह ईहा के जर जमीन जंगल के सत्यानाश करे बर उमड़े हे तेने ह हमर […]

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सावन अऊ शिव

सावन महिना में शिव , सावन अऊ सोमवार के विशेष महत्व हे । एकरे पाय छोटे से लेकर बडे़ तक सावन सोमवारी ल मनाथे । सावन महिना के सोमवार के पूजा अऊ उपवास करे से भगवान शिव ह जल्दी प्रसन्न होथे । ये व्रत ह बहुत ही शुभदायी अऊ फलदायी होथे । सावन मास में […]

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भगवान शंकर के अनेक नाव

सावन आ गे संगवारी हो, ये मौसम धरती बर जरूरी हे । किसान मन बर जरूरी हे ।ये पूरा महिना हर भगवान शंकर के भी मन पसंद हे । “देवों के देव”महादेव के पूजा अराधना के बेरा हवे,हमार कतको संगी मन कांवर बोह के जल अरपन करे बर जाथे रेंगत रेंगत, अउ कतेक बहिनी मन […]