हनुमान जी ह हमर छत्तीसगढ़ के बड़का देंवता आय. हमर छत्तीसगढिया मनखे मन के हिरदे म हनुमान जती के अड़बड़ सरधा अउ मान सन्नमान हावय. हनुमान जी ह अकेल्ला अइसे देंवता आंय जउन ह अपन बल के खातिर अनार्य मन बर पूजित रहे हें अउ बुद्धि, विवेक संग राम जी के भगति के खातिर आर्य मन के घलव बड़का देंवता के रूप म प्रतिष्ठा पाये हें. राम ले जादा राम के भगत के महत्ता के सेती हनुमान जी ह हिन्दू मन के आराध्य देव के रूप म जन मन म…
Read MoreCategory: गोठ बात
नोनी-बाबू के बिहाव
जन्म से लेके मृत्यु तक मनखे मन के सोला संस्कार होथे अऊ सोला संस्कार मं एक ठन संस्कार हे बिहाव संस्कार। बिहाव संस्कार ह अड़बड महत्वपूर्णं होथे काबर कि दू झन परदेसी ह एक संघरा जिनगी बिताय बर तियार होथे। हमर छत्तीसगढ़ मं अनेक जाति के मनखे हे अउ जाति के अनुसार बिहाव के अनेक परम्परा अउ महत्व हे, त आवव बिहाव के कुछ परम्परा अउ ओकर महत्व ऊपर एक नजर डालथन। * तेलमाटी-चुलमाटी– बिहाव के पहिली दिन तेलमाटी चुलमाटी के कार्यक्रम ह होथे। माटी ल साबर मं कोड़ के…
Read Moreछत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस
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Read Moreजवाब मांगत एक सवाल
हमर परदेस के भू-भाग के नांव छत्तीसगढ़ काबर परिस, कब ले परिस, एला अलग राज बनाय के मांग सबले पहिली कोन करिस, कोन पहिली एखर बिरोध म रिहिस अउ बाद म अघुवा बनगे, कइसे छत्तीसगढ़ राज हमला बरदान असन मिलिस, कब छत्तीसगढ़ी राजभासा के दरजा मिलिस, कब छत्तीसगढ़ी राजभासा आयोग बनिस, कोन तारीख ल छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस घोसित करे गिस? ये जम्मो सवाल के जवाब हे फेर मैं जेन सवाल के बात करत हौं वो सवाल ह छत्तीसगढ़ म दू-तीन साल ले घुमरत हे अउ घेरी-बेरी पूछे जावत हे। होइस…
Read Moreपरम्परा : छत्तीसगढ़ी म महामाई के आरती
छत्तीसगढ़ सक्ति उपासक राज ये, इंहा के जम्मों गांव म देवी आदि शक्ति के रूप महामाई के मंदिर हावय. गांव केमहामाई म दूनों नवरात म जोत जलाये जाथे अउ जेंवारा बोये जाथे. जम्मों गांव म नवराती के समय बिहनिया अउ संझा आरती होथे. छत्तीसगढ़ के जम्मों गांव म ये आरती हिन्दी के देवी आरती के रूप म होथे नइ तो कोनों कोनो जघा मंदिर म उंहा के देवी के हिन्दी नइ तो संस्कृत म गुनगान करत आरती गाये जाथे. छत्तीसगढ़ के एक गांव म छत्तीसगढ़ी भाषा म महामाई के आरती…
Read Moreकथाकार आस्कर वाइल्ड के कहानी द मॉडल मिलियनेअर के अनुवाद : आदर्श करोड़पति
मूल – The Model Millionair (द मॉडल मिलियनेअर) कथाकार – Oscar Wilde (आस्कर वाइल्ड) अनुवादक — कुबेर जब तक कोई धनवान न हो, दिखे म सुंदर होय के कोई फायदा नइ हे। प्रेम करना घला भरे-बोजे, पोट मनखे मन के बपौती आय, निठल्लू मन के काम नो हे। गरीब मन ल तो बस रांय-रांय कमाना अउ लस खा के सुतना भर चाही (व्यवहारिक और नीरस होना चाहिए)। (आदमी खातिर) मनमोहक होय के बदला कमाई के स्थायी साधन होना ही बेहतर हे। इही ह आधुनिक जीवन के परम सच्चाई आय, जउन…
Read Moreसुन संगवारी
सुन संगवारी सरला शर्मा के कविता, निबंध अउ कहानी के संघरा किताब
Read Moreहमर पूंजी व्यवस्था में चीनी सेंधमार
लिखइया सरला शर्मा आज हमर विदेशी मुद्रा भण्डार 278.6 अरब डालर है जेहर छय सात महीना के आयात बर पुरही। फेर सुरता करिन तो सन् 1991 मं एहर 60 करोड डालर तक गिर गये रहिस। तभो गुने बर परत हे आघूं अवइया गर्रा धूंका हर हमर का हाल करही? दूसर बात के कारखाना मन के कम होवत उत्पादन, घटत पूंजी निवेश, बाढ़त महंगाई अऊ संसार के बजार मां रूपिया के घटत कीमत ये सबो के सीधा असर आम आदमी उपर परत हे। ए तरह के बिगड़त हालत मं घटत औद्योगिक…
Read Moreपहुँचगिस संसद
1.- मोर ऑंसू झन गिर/ एकर पिवइया/ नी जनमिस हावय वोहर अजन्मा हावय/ ऑंखी मा भरभर भरे र सागर साही/ बोहागे ता दिखबे खाली गागर साही/ कंकड़ के चोट ले/ छलक जाए/ सागर की परिभाशा/ गलत हो जाही/ अउ तोला बोहाय के लत पड़ जाही/ कोन इहें आपन/ कोन हावय पर/ सबो एकेठन दाई/ के हावय जन्माय/ बॉंस एक दूसर ले घिसाके/ पैदा करथे आगि/ सबो जंगल हो जाथे राख/ राख होय हर सबो के नियति हावय/ करम ले फर के सोच अति हावय/ जादा फर के सोच मा /…
Read Moreछत्तीसगढ़ मं बिहाव के रीति-रिवाज
छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाज ह खोज अउ शोध के बिसे आय। काबर कि इहां के जम्मो संस्कृति ह कृषि संस्कृति ले गुंथाय हे। यहू बात के परमान मिलथे कि इहां के कतको संस्कृति, रीति-रिवाज ह रामायण अउ महाभारत काल ले जुड़े हे। कतको रीति-रिवाज अउ परम्परा जउन ह जनम ले लेके मरन तक गुंथाय हे वोमा सब ले बड़े हे बर-बिहाव। जिनगी के गाड़ी ल चलाय बर नर अउ नारी दूनो के होना जरूरी हे। नर-नारी के रूप म जिनगी भर एक बंधना म बंधाय के पक्का बंधना होथे बिहाव। ये…
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