लावणी छंद : श्रद्धा के सुरता माँ मिनी माता

भारत माँ के हीरा बेटी,ममतामयी मिनी माता। तै माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता। सुरता हे उन्नीस् सौ तेरा, मार्च माह तारिक तेरा। देवमती बाई के कुँख ले,जन्म भइस रतिहा बेरा। खुशी बगरगे चारो-कोती,सुख आइस हे दुख जाके। ददा संत बड़ नाचन लागे,बेटी ला कोरा पाके। सुख अँजोर धर आइस बेरा,कटगे अँधियारी राता। तै माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता। छट्ठी नामकरण आयोजन,बनिन गाँव भर के साक्षी। मछरी सही आँख हे कहिके,नाँव धराइन मीनाक्षी। गुरु गोसाई अगम दास जी,गये रहिन आसाम धरा। शादी के प्रस्ताव रखिन…

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