गम्‍मतिहा : मदन निषाद

छत्‍तीसगढ़ के नाचा के मान ला देस बिदेस म फैलइया कलाकार मन म रवेली अउ रिंगनी साज के कलाकार मन के बड़ नाम हे। दाउ मदराजी के पंदोली अउ हबीब तनवीर के संगत म हमर पारंपरिक खढ़े साज नाचा के कलाकार मन अपन अभिनय के बल म हमर धरोहर लोक नाट्य नाचा के प्रसिद्धी ला चारो मूड़ा बगराईन हे। हमर कलाकार मन के अभिनय ल देख के बड़का बड़का नाट्य निदेसक मन ह चकरा जावय अउ छत्‍तीसगढ़ के गोदरी के लाल मन के बारंबार बड़ई करय। हमर पारंपरिक नाचा के…

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नाचा के पहिली महिला कलाकार : फिदाबाई मरकाम

फिदा बाई छत्‍तीसगढ़ के नाच-गान म पारंगत देवार जात के बेटी रहिस। देवार डेरा म जनम के खातिर फिदा बाई बचपन ले अपन डेरा संग गांव-गांव घूम-घूम के नचई अउ गवइ करय, ओखर संग ड़ेरा के बड़े महिला मन तको नाचय-गावंय। देवार डेरा के पुरूष मन बाजा बजावंय अउ महिला मन नाचय, दाउ-गौंटिया अउ बड़े किसान के घर म नाच-गा के इनाम मांगय। फिदा बाई अपन डेरा म सबले सुन्‍दर अउ कोइली जइसे कंठ वाली रहिस ओखर सोर चारो मूड़ा बगरे लागे रहिस। इही समे मा नाचा के पुरोधा दाउ…

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महान आदिवासी जननेता महाराज परवीरचंदर भंजदेव जी

परवीरचंदर भंजदेव के महतारी परफुल्ल कुमारी देवी के जनम 1910 म होए रहिस। परफुल्ल कुमारी बस्तर के महाराज रूद्र प्रतापदेव के अकलौती (अकेला) संतान रहिन, एकर सेती पिता के इंतकाल होए के बाद 11 बछर के उमर म महारानी बन गइन। परफुल्ल कुमारी के बिहाव मयूर गंज के राजा के बेटा युवराज परफुल्ल चंदर भंजदेव के संग 25 फरवरी 1927 मं हाए रहिस। परफुल्ल चदर के दू बेटा होइस- परवीर चंदर अउ विजय चंद। दू झन बेटी राजकुमारी कमलादेवी अउ गीतादेवी होइस। बड़े बेटा परवीर चंदर के जनम 13 जून…

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जानबा : दादूलाल जोशी ‘फरहद’

नाव – दादूलाल जोशी ‘फरहद’ ददा – स्व.खेदूराम जोशी दाई – स्व.पवनबाई जन्मन – 04/01/1952 पढ़ईलिखई – एम.ए.हिन्दी पीएच.डी. जनम जगा-गाँव फरहद पो0 सोमनी, तह. जिला-राजनांदगाँव (छ.ग.) हुनर – कविता कहानी निबन्ध लिखना। हिन्दी छत्तीसगढ़ी दूनों म। सम्पादन, अभिनय, उद्घोषक। किताब – ‘अब न चुभन देते हैं कांटे बबूल के‘ कविता संघरा ‘आनी बानी’ भारतदेश के चउदा राजभाषा म लिखे कविता मन के छत्तीसगढ़ी अनुवाद। सम्पादन – सत्यध्वज, अपन चिन्हारी, आरम्भ, पतरिका अउ किताब के। करतब – छत्तीसगढ़ी लोक कलामंच ‘‘भुईंया के सिंगार’’ दल्लीराजहरा म बारा बछर ले उद्घोशक अउ…

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लेखक परिचय : सुरेश सर्वेद

सुरेश सर्वेद जन्म – 07- 02 – 1966 ( सात फरवरी उन्नीस सौ छैंसठ ) पिता – श्री नूतन प्रसाद शर्मा माता – श्रीमती हीरा शर्मा पत्नी – श्रीमती माया शर्मा जन्म स्थान – भंडारपुर ( करेला ), पोष्ट – ढारा व्हाया – डोंगरगढ़, जिला – राजनांदगांव छत्तीसगढ़ वर्तमान पता – सांई मंदिर के पीछे, वार्ड नं. – 16 तुलसीपुर, राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़) मोबाईल – 94241 – 11060 संपादक – साहित्यिक पत्रिका “विचार वीथी “ प्रकाशन – देश के विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में अनेक कहानियों का प्रकाशन एवं आकाशवाणी…

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परिचय : कथाकार – कुबेर

नाम – कुबेर जन्मतिथि – 16 जून 1956 प्रकाशित कृतियाँ: 1 – भूखमापी यंत्र (कविता संग्रह) 2003 2 – उजाले की नीयत (कहानी संग्रह) 2009 3 – भोलापुर के कहानी (छत्तीहसगढ़ी कहानी संग्रह) 2010 4 – कहा नहीं (छत्तीवसगढ़ी कहानी संग्रह) 2011 5 – छत्तीसगढ़ी कथा-कंथली (छत्ती़सगढ़ी लोककथा संग्रह 2012) प्रकाशन की प्रक्रिया में: 1 – माइक्रो कविता और दसवाँ रस (व्यंग्य संग्रह) 2 – और कितने सबूत चाहिये (कविता संग्रह) संपादित कृतियाँ: 1 – साकेत साहित्य परिशद् की स्मारिका 2006, 2007, 2008, 2009, 2010 2 – शासकीय उच्चतर माध्य.…

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सत के अमरित धार बोहवईया : देवदास बंजारे

छत्‍तीसगढ़ के पारंपरिक पंथी के बारे म जब-जब बात होही, देवदास बंजारे के नाव ला कभू भुलाए नइ जा सकय। गुरू बाबा घसीदास के अमर संदेसा ला जन-जन मेर पहुचईया अउ पूरा दुनिया म फैइलईया देवदास बंजारे हमर देश के बड़का लोक कलाकार रहिस। हमर प्रदेश के पारंपरिक लोकनृत्‍य अउ गीत पंथी ल देवदास जी ह न केवल सहरी लोक मंच मन म आघू लाइन भलुक ओला सात समुदर पार देस-बिदेस तक म बगरा दीन। पंथी के महमहई बगरईया देवदास जी के जनम एक जनवरी 1947 म धमतरी के जिला…

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लोक कला के दीवाना रामकुमार साहू

ओ हर निचट गरीब परवार के रहीस। मोर इसकूल मा पढ़य। आज लइका मन ले ओ हर अलगेच रहीस हे। नानपन ले ओहर ‘लोककला’ के दीवान रहीस हे। ओ बखत मैं हर स्व. दाऊ रामचन्द्र देशमुख के जबड़ लोकनाटक ‘कारी’ मा बिसेसर नायक के पाठ करत रहेंव तब ‘कारी’ खातिर रामकुमार साहू के दीवानगी हर मोला चकित कर देवय। ओला ये खभर मिलतीस के फलाना जघा कारी होवत हे। तब ओहर कइसनो करके ऊंहा हबरी जातीस। पोझिटया कला, दुर्ग निवासी रामकुमार ला एक घंव पता चलीस के ग्राम पैरी मा…

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लोक मंच के चितेरा

दाऊ रामचन्द्र देशमुख हर रामहृदय तिवारी जी के निर्देसन मा बनइस ‘कारी’ जगमग-जगमग बरत छत्तीसगढ़ मूल्य मन के लड़ी अउ सुख:दु:ख के झड़ी ‘कारी’। बिराट लोक नाटय ‘कारी’। ये नाटक हर छत्तीसगढ़ के जनता ला एक घांव फेर भाव के संसार मा चिभोर दिस। ह मर छत्तीसगढ़िया के जग-परसिध ‘नाचा’ हर जन-जागरन अउ मन बहलाव के सबले जादा लोकप्रिय बिद्या अउ सबले पोठ माधियम आय। फेर आज ले पचास एक बछर पहिली ये ‘नाचा’ मा भारी खरापी आ गए रिहिस हे। कलाकार मन, लोक मरजाद ला तियाग के फूहरपाती, दूअरथी…

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