कहां बोचक के जाबे तें। डोंगरी-पहाड़, अलीन-गलीन, जिहां हाबे, तिहां ले खोज के निकालिहौं। सात तरिया में बांस डारूंगा। केकंरा और मुसुवा के बिला मं हाथ डारहूं। अइसे काहत बइहाय गदहा कस किंजरे लगेंव। हुरहा पोस्टमेन हर, भकाड़ूराम चऊंक मा, अभरा तो गे। मैं आंखी छटकावत बिजली कस लउकेंव- ‘कस रे बईमान। तोर माथा मा फोरा परय। ते मनीआर्डर के पइसा ला कहां करथस, सच-सच बता।’ ओ दिन मोर संगवारी संजीव तिवारी संग भेंट होगे। देख के मैं अचरित रहिगेंव। मे केहेंव- ‘कइसे तिवारी जी! आजकल कइसे फुन्नाय-फुन्नाय, हरियर-हरियर दिखत…
Read MoreCategory: व्यंग्य
पारसद ल प्रार्थना पत्र
विषय- गरीबी रेखा कारड बचाए बर। सेवा में, सिरीमान बोट-बटोरू पारसद जी! वार्ड-00 गरीब पालिका निगम झोलगापुर। प्रजापालक सादर सनम्र निवेदन हावै कि आपके आसीरवाद से बने फरत-फूलत हों। आशा हे आपो भोग-भोग ले फूल गै होहू। आगे समाचार जानौ के आप जऊन मोर बर गरीबी रेखा कारड बनवाय हावव ओला खतरा हो गेहे। अब तक बने मैं हर अपन उपजाय धान ला एक हजार एक सौ सत्तर रुपिया मा बेंच के, गरीबी रेखा वाले पैंतीस किलो महीना चाऊर, दू रुपिया के हिसाब से बने लेत रहेंव। अउ ओला खा-खा…
Read Moreगोल्लर ल गरुवा सम्मान
जबले अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ल शांति के नोबल पुरस्कार मिले हे, तबले जम्मो किसम के मान-सम्मान अउ पुरस्कार ल चना- फूटेना बरोबर बांटे के रिवाज हमारे इहां चलगे हे। अइसे बात घलोक नइ हे के पहिली अइसन नइ होवत रिहीसे। पहिली घलोक अइसन होवत रिहीसे। जेन मनखे ल अपन सम्मान करवाना होवय वोहा कोनो अइसन किसम के आयोजक ल एकर ठेका दे देवय, जेन ह पचीस-पचास आदमी ल जोर-सकेल के एकाद झन झोला छाप नेता किसम के आदमी ल अतिथि बना के बला लेवय। माईक अउ साल-नारियर के…
Read Moreभईसा गाड़ा के चलान
संगवारी हो चलान सबद सुन के कतकोन मनखे मन के जीव हर कांपे लागथे। फेर वाह रे, आर.टी.ओ. ऑफिस (रोगहा टेसिहा ऑफिस) तोर तो न शुरु, न अन्त हे, तोर महिमा बड़ अनन्त हे। नानपन ले बडक़ापन अऊ सरी उम्मर मोटर, फटफटी चलावत आत हन, फेर कोनहो टिरेफिक के सादा झबरू टामी मन, आज ले एको घव हमला नई भूके हे। उनला झोरफा चऊक, रेलवे फाटक अऊ सिविक सेंटर के चउपाटी मा देखते भार, एकंगू भाग जथन, साला मन के छईहां घलो धुर्र छईहां होथय। न संगी बने, न मतंगी…
Read Moreचित्रगुप्त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
जमराज हा चित्रा गुप्त ला रात के चेता के सुतिस के मोर भैंसा ला बने खवा पिया के सुग्घर मांज धो के राखहु, काली मोला मूनधरहाच ले कोरट जाना हवय भुलाहु झन, चित्रगुप्त हा जम्मो नौकर मन ला चेता के ऊहु हा सुते ला चल दिस, ऍती बिहनिया हुईस ता जमराज हा कोरट जाये बर तेयार रिहिस, चित्र गुप्त ला पुछिस सब तेयार हे ,चित्र गुप्त किहिस हा महाराज, जा एक बार अऊ देख के आबे कहिके पठोईस,चित्रगुप्त कोठा मा गिस ते जम्मो नौकर मन मुह ला ओदारे रहय,पुछिस-का होगे…
Read Moreचित्रगुप्त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
जमराज हा चित्रा गुप्त ला रात के चेता के सुतिस के मोर भैंसा ला बने खवा पिया के सुग्घर मांज धो के राखहु, काली मोला मूनधरहाच ले कोरट जाना हवय भुलाहु झन, चित्रगुप्त हा जम्मो नौकर मन ला चेता के ऊहु हा सुते ला चल दिस, ऍती बिहनिया हुईस ता जमराज हा कोरट जाये बर तेयार रिहिस, चित्र गुप्त ला पुछिस सब तेयार हे ,चित्र गुप्त किहिस हा महाराज, जा एक बार अऊ देख के आबे कहिके पठोईस,चित्रगुप्त कोठा मा गिस ते जम्मो नौकर मन मुह ला ओदारे रहय,पुछिस-का होगे…
Read Moreयेदे पटवारी ला फेर मार परे हे काबर कि रावन नई जरे हे
संगी हो जोहार लेहु, हमर पटवारी भईया के गोठ ला आघू बतावत हवं, पटवारी भईया ला समाज सेवा करे के बिमारी ता हवय, कईसनो भी बुता हो ही वो हा नई करवं कहिके नई कहय, सरलग १० दिन भले लग जाये फेर बुता सामाजिक होना चाही, बिना खाए पिए लंघन भूखन रही के, करही। अभी का होईस के टूरा मन दुर्गा पक्ष में ओला देवी माई मडहाबो कहिके समिति के सियान बना दिस, काबर के चंदा मांगे मा पटवारी ला काही शरम नई लगे। चंदा मांगे बर एक से एक…
Read Moreमनखे के भाव
बड़ बिहनिया मुंदरहा ले बेर निकले के पहिली नागर ला खान मा धरे चौरसता ले आघू कोती अरहू कहिके हफरत नाहकत रेहेंव ततके मा एक ठन मोटर हा आके मोर सन हबरगे। बीच रसता मा मुहु केर्रा गिरेंव मोटर के आघू घलो पेचक गे। मोर उठते, मोटर ले एक झन उतरिस ललछरहा मेंहा देखत केहेंव कइसे तोला दिखे घलो नही का जी-अतक बड़ रसता हा। गरीब मनखे मोर बासी पेज गंवागे नागर टूटगे बने होगे परान बाचगे हात गोड़ नी टुटिस? नीहिते, नीहिते-का, का होही अंधरा उत्ती बेरा के अंजोर…
Read Moreनई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच डारिस पराकृतिक ह बने हवय, अनप घर मा एक ठक बोरड ला बनवा के लगा दिस, पटवारी के परकिरित चिकित्सा सनसथान, इंहा बिना दवई,सूजी,गोली के फोकट मा जम्मो बीमारी के इलाज होथे, समाज सेवा बर निह्सुल्क संचालित, डॉ.पटवारी,आदेश गुरु महाराज के, अऊ पटवारी भईया के फोकट के दवा खाना चालू होगे, पहिले -पाहिल मरीज आइस हमर भकाडू बबा हा, देखिस ता डॉ.पटवारी हा खुस होगे,ये दे आज्जे दुकान ला…
Read Moreनई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच डारिस पराकृतिक ह बने हवय, अनप घर मा एक ठक बोरड ला बनवा के लगा दिस, पटवारी के परकिरित चिकित्सा सनसथान, इंहा बिना दवई,सूजी,गोली के फोकट मा जम्मो बीमारी के इलाज होथे, समाज सेवा बर निह्सुल्क संचालित, डॉ.पटवारी,आदेश गुरु महाराज के, अऊ पटवारी भईया के फोकट के दवा खाना चालू होगे, पहिले -पाहिल मरीज आइस हमर भकाडू बबा हा, देखिस ता डॉ.पटवारी हा खुस होगे,ये दे आज्जे दुकान ला…
Read More