गीत

दादा मुन्ना दास समाज ल दिखाईस नावा रसदा

रायगढ़ जिला के सारंगढ़ विकास खंड के पश्चिम दिसा म सारंगढ़ ल 16 किलोमीटर धुरिया म गांव कोसीर बसे आय। जिन्हा मां कुशलाई दाई के पुरखा के मंदिर हावे अंचल म ग्राम्य देवी के रूप म पूजे जाथे। इंहा के जतको गुन गान करी कम आय। समाज म अलग अलग धरम जाति पांति के लोगन मन के निवास होथे अउ अपन अपन धरम करम ले पहिचाने जाथे फेर कोनो महान हो जाथे त कोनो ग्यानी – धयानि अउ दानी इसनेहे एक नाम कोसीर गांव के हावय जेखर नाम ल आज भी लोगन मन याद रखे हें जेन हर अपन जीवन म समाज ल बहुत कुछ दिस अउ ओखर नाम ल नावा पीढ़ी ल बताना जरूरी हावे।



पुरखा के बात नाईते भुला जाथें मुन्ना दास पुरखा मन बर तो नया नाम नोहे फेर नावा पीढ़ी बर नावा जरूर लागहि काबर हमन अपन पुराना रिति रिवाज अउ पुरखा ल भूलत हन तेखरे सेती मुन्ना दास जी के बारे म चरचा करना जरूरी हे। जेनहर समाज ल नावा रसदा दिखाईस अउ नावा पीढ़ी ल कछु करे के सपना दिखाईस। रायगढ़ जिला के कोसीर गांव के किसान परिवार म पंचम दास के घर म 25 फरवरी1926 के दादा मुन्ना दास लहरे जनम लिस पंचम दास गांव के बड़े किसान रहिस कम पढ़े लिखे अउ संत बाबा गुरुघासी दास जी के अनुयायी रहिस। तेखर सेती संत बाबा गुरुघासी दास जी के संदेस उपदेस के पालन घर म होवत रहिस। मुन्ना दास अपन पिता पंचम दास के एकठन औलाद रहिस अबड़ दुलार म रहिस। पहली स्कूल म लईका के भरती होवय त अपन कान ल छू दारे त भरती ले लेवै 1933 म मुन्ना दास ल बालक शाला म भरती करिन स्कूल के स्थापना ह 1908 म होय रहिस फेर अबड़ दुलार के कारन स्कूल जाए बर कोतहा रहिस अउ पहली कक्षा ल घलो नी पढ़ पाइस कोसीर बड़े गांव रहिस इहाँ धुरिया धुरिया ले पढ़े बर आय। अपन पिता संग खेत खार के काम बचपन ल ही सिख गे अउ 19 बछर के आस पास म दूसर पाठोनी घलो हो गिस मुन्ना दास जी के विवाह श्रीमती राम बाई के साथ होय रहिस राम बाई सरल घरेलू महिला रहिस। मुन्ना दास जी के 2 पुत्र अउ 3 पुत्री होइस अपन मंझला बेटा त्रिलोचन ह बड़े होइस त घर परिवार ल उही ह सम्हालीस। मुन्ना दास अपन खेती किसानी के संगे संग सामाजिक काम काज म घलो हाथ बाटावय।




गांव म 5 वीं तक स्कूल रहिस अउ मिडिल स्कूल खुले रहिस फेर भवन के अभाव अउ शिक्षक के घलो जरूरत रहिस ओ समय 1956 म आजादी के 10 बछर होवत रहिस 15 अगस्त के दिन आय स्कुलही लईका मन परभात फेरी म नारा लगावत रहिन स्कूल बचाओ लईका पढ़ाओ ये विसय म गांव के साहित्यकार तीरथ राम चन्द्रा अउ गांव के मन बताथे की 7 वीं कक्षा बर भवन अउ शिक्षक अंग्रेजी मास्टर के जरूरत रहिस त रुपया के जरूरत रहिस जेला लईका मन परभात फेरी म नारा बनाये रहीन ये नारा ल सुन के मुन्ना दास जी हर 10 हजार रुपया अपन खेत ल बेच के दिन तब पढ़ाई आगे बढ़ीस ओखर समाज के परतीं परेम अउ काम के गांव म अबड़ चरचा होइस लोगन मन परसंसा करिन अउ गांव म बड़े बड़े आदमी रहिन फेर मुन्ना दास के साहस के परसंसा होइस 31 बछर के कम उमर म ओखर सूझ बूझ के अबड़ परसंसा करिन। आज भी मुन्ना दास ल ओखर काम से गांव म याद करथे ओखर ल बड़े बड़े ग्यानी अउ दानी रहिन फेर साहस नी रहिस ऐसे गांव के मन कहिथे। मुन्ना दास जी के तबीयत बिगड़ीस फेर सुधार नई हो पाइस अउ 18 अक्टूबर 1987 म निधन हो गिस ओखर निधन ले पूरा गांव म दुख के बादर छागे पूरा गांव सोक म रहिस अउ जेन स्कूल म दान करे रहिन उही दिन स्कूल म दुख के साथ सोक मनाईंन अउ याद करिन आज ओ स्कूल ह हायर सेकंडरी बन गेहे हे। आज विचार के जरूरत हे स्कूल के नाम ल मुन्नादास के नाम से होना चाही ? आज भी मुन्ना दास जी के परसंसा होथे कोसीर अंचल के गौरव आय आज 25 फरवरी के उंखर 93 वीं जनम दिवस आय सादर नमन



लक्ष्मी नारायण लहरे “साहिल”
कोसीर सारंगढ़
जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़

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