अठ्ठारा बछर होगे हे, हमर छत्तीसगढ़ राज ल बने, अउ दस बछर होवत हे छत्तीसगढ़ राज भासा आयोग ल बने। तभो ले अभी तक छत्तीसगढ़ी भाखा के कोनो विकास नइ हो पाये हे, कतको जघा मनखे मन ये नइ जान सके हे कि छत्तीसगढ़ी ह बोली आए के भाखा। आजो तक ले कतको मनखे मन ये गोठ म संसो करथे, बोली कहबो त पुरा छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी ल गोठियावय नही अउ भाखा हे त अठ्ठारा बछर म ना आयोग अउ न ही सरकार येला अनुसूची म सामिल करा पाये हे। तेखरे सेती छत्तीसगढि़या संगवारी मन छत्तीसगढ़ी भाखा ल बोले अऊ लिखें म संसो करथे। अउ जउन मनखे मन छत्तीसगढ़ी बोले ल जानथे ओ मन ह सबो जघा छत्तीसगढ़ी नइ बोलें, काबर की छत्तीसगढ़ राजेच म हिन्दी बोलाइया अब्बड़ हे कइ के ये भाखा ह जन-जन के भाखा नइ बन पात हे।
कोनो-कोनो बड़े साहित्यकार अउ कवि मन छत्तीसगढ़ी म हँसी ठिठोली कर के मनखे ल गुदगुदात हें अउ अपन गद्दी ल बचां के राखे हे। ओहु म कतको लिखइया मन के लिखे ल बने छत्तीसगढ़ी म साहित्य के पता नई हे कइ हे पाछु छोड़ देथे। अउ अपन मजा ले-ले के छत्तीसगढि़या ल बेवकूफ बनाये परे हें। तेखर सेती छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास नइ हो पावत हे। छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी नइ बोलयं तेखर आधा जिम्मेदार छत्तीसगढि़या घलोक हे काबर के परदेसिया मन के बेवकूफ बनाये ले बेवकुफ बन के उंखरे पाछु-पाछु घुमत हें अउ ओहि परदेसिया मन एकठन लालीपाप ल धरा दे हें ‘छत्तीसगढि़या सबले बढ़िया’ बोल के। अउ ओहि ल बोल-बोल के छत्तीसगढ़ीया मन खुस होवत हें। अउ लालीपाप असन चिचोर चिचोर के छत्तीसगढि़या सबले बढ़िया कहत हें अउ येमा होना जाना कुछु नइ हे।
अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़।
प्रशिक्षण अधिकारी आई टी आई मगरलोड धमतरी।
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ईमेल:- anilpali635@gmail.com
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