हममन बस गोहरइया1 हावन2।
उनकर पानी भरइया हावन।।
देस के देवता-धामी मन के।
पूजा हममन करइया हावन।
उही मन समरथ, ग्यानी, पंडित।
हम तो पाँव परइया हावन।
राम-राज हर आही कहाँ ले
पाछू-पाछू रेंगइया3 हावन।
दुनिया हर आगु रेंगत हावै।
उनकर पूछी धरइया4 हावन।
बलदाऊ राम साहू
1. चिचोरी करने वाले, 2. हैं, 3. चलने वाले, 4. पूँछ धरने वाले