ये पिरीत के किस्सा सुनाँव कइसे ?
घाव बदन भर के ला लुकाँव कइसे ?
देंवता कस जानेंव ओकर मया ला मँय हर ,
अब श्रद्धा म माथ ला झुकाँव कइसे ?
पाँव धँसगे भुइँया म देखते देखत ,
बिन सहारा ऊपर ओला उचाँव कइसे ?
पानी म धोवाय छुँही रंग सहिन दिखथे,
हो तो गेंव उघरा अब लजाँव कइसे ?
ये जमाना ताना अबड़े मारत हे ‘ललित’
बताय कोनो जिनगी ला बचाँव कइसे ?
ललित नागेश
बहेराभाँठा (छुरा)
४९३९९६
बड़ सुघ्घर नागेश भैया