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कविता

राजिम मेला

राजिम मेला आगे संगी,
घूमे ल सब जाबो।
राजीव लोचन के दर्शन करके,
जल चढ़ा के आबो।
अब्बड़ भीड़ हाबे संगी,
राजिम के मेला में।
जगा जगा चाट पकौड़ी,
लगे हे ठेला में।
किसम किसम के माला मुंदरी
सबोझन बिसाबोन।
नान नान लइका मन बर,
ओखरा लाई लाबोन।
बड़े बड़े झूला लगे हे,
लइका मन ह झूलत हे।
ब्रेक डांस अऊ आकाश म,
बइठे बइठे घूमत हे।।

प्रिया देवांगन “प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com