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व्यंग्य

गरीब मुलुक के बड़हर नेता

हमर देश भर नहीं भलुक पूरा दुनिया के एकेच हाल होगे हवय। हर देश ह अपन देश के कमजोरी ल जनता के आंखी ले लुकाय खातिर दूसर देश म आतंक फैलावत हे। लड़ई-झगरा के ओखी खोज हे अउ बड़े-बड़े बम गोला के धमाका करत हे। चारों मुड़ा हाय-हाय, रांय-रांय।
जेन देश के अस्सी प्रतिशत जनता निच्चट गरीब हे। वो देस के राजा या आज के भाखा म कहीन त नेता ल कइसे होना चाही? जिहां तक लोकतांत्रिक व्यवस्था के मापदण्ड हे त निश्चित रूप ले कोनो न कोनो गरीब मनखे ल ही नेता होना चाही। काबर ते लोकतंत्र के मापदण्ड बहुमत या कहीन, भीड़ हे, त निश्चित रूप ले कोनो भी गरीब-गुरबा ले भरे लोगन के देस के नेता ल कोनो गरीबेच ल होना चाही। फेर हमर देस के लोकतंत्र के सबले बड़े मंदिर जेला हमन सम्मान के साथ संसद घलोक कहिथन तिहां झांकीन त जानबा मिलही के उहां के करीब साढे पांच सौ सांसद मन म 240 सांसद करोड़पति हें। जेमा लोकसभा म 135 अउ राज्य सभा म 105 हें। ए दृश्य ल देखे के बाद तभे तो विदेश राज्य मंत्री शशि थरुर बकबकागे वोला लागिस के ए तो करोड़पति मनके देस आय तभे तो कहि दिस के जेमन कामन (साधारण) श्रेणी म बइठ के कहूं आना-जाना करथें ते मन जनावर बरोबर होथे।




अब ये तो इहां के लोगन के दुर्भाग्य आय के जे मन न देस के बारे म बने गतर के जानयं, समझयं, न देखयं, बूझयं तेन मनला मंत्री-संत्री बना दिए जाथे। शशि थरुर जेन संयुक्त राष्ट्र संघ म राजनयिक रहे हे, वोला एकदम से चुनाव लड़वा के सीधा मंत्री के पद म बइठार दिए जाही त उजबक असन तो गोठियाबेच। करही अरे भाई जेन मनखे ह संयुक्त राष्ट्र संघ म राजनयिक रहे हे। माने दुनिया भर के देश के संगठन जिहां चारों मुड़ा के माल पुआ छकत ले आथे अउ एमन ससन भर दंदोरथें तिहां रेहे बसे मनखे ह वइसनेच तो गोठियाही। ए देश म रहितीस, इहां के लोगन संग उठतीस-बइठतीस, वोकर मन संग मुंहा-चाही करतीस, दु:ख-पीरा ल टमड़तीस अउ वोकर निराकरन के कोनो रद्दा खोजतीस। उंकर मौलिक अधिकार खातिर लड़तीस -झगड़तीस, तब तो जानतीस ए देश के असली चेहरा ल अउ तभे तो वो अकाल के पीरा भोगत देश के नेता के रहन-सहन कइसे होना चाही तेला जानतीस-समझतीस, वइसने गढ़न के संवागा करतीस।




अइसन दृश्य खातिर सिरिफ शशि थरुर भर दोषी नोहय। असल म ए हर इहां के जम्मो राजनेता मन के असली चेहरा या कहिन दोष आय। देश जब ले आजाद होए हे तबले इहां के राजनीति म राक्षसी प्रवृत्ति के घुसपैठ होगे हावय। बड़ा तााुब लागथे जेन देश म गांधी, सुभाष, भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई ले लेके वीर नारायण सिंह, सुंदर लाल शर्मा, खूबचंद बघेल अउ त्यागमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह जइसे नेता जनमें हें। जे मन भारत महतारी के आजादी खातिर अपन जम्मो चीज बस अउ जीवन ल अरपन कर दिन। उही देस म अब शशि थरुर जइसन नेता मन राज करत हें। न सिरिफ केन्द्र शासन म बइठ के भलुक जम्मो प्रदेश म अउ संगे संग पंचायत अउ नगरीय निकाय जइसे जगा म घलोक। सबो जगा के एके हाल हे- झींको-झींको, टोरो बस। फरक अतके हे, के कोनो कमती झींकत हे त कोनो जादा। फेर इही ह आज के राजनीति अउ नेता मन के मापदण्ड बनगे हे।
कभू-कभू तरूवा काम नइ करय, सोचबे त माथा छरिया जाही तइसे कस लागथे। धरम ग्रंथ मन मा जेन कलजुग के खराए अउ कुछ दिन के बाद ए दुनिया के सिरा जाए के बात पढ़े-सुने ल मिलथे, तेन सिरतोन हो जाही तइसे कस जनाथे। काबर ते सिरिफ ए हमर देश भर नहीं भलुक पूरा दुनिया के एकेच हाल होगे हवय। हर देस म मार-काट अउ झींको-झींको चलत हे। एक देस ह अपन देश के कमजोरी ल जनता के आंखी ले लुकाय खातिर दूसर देश म आतंक फैलावत हे। लड़ई-झगरा के ओखी खोजत हें, अउ बडे-बड़े बम गोला के धमाका करत हे। चारों मुड़ा हाय-हाय, रांय-रांय।




गरीब गुरबा मनखे कइसे जी ही, कइसे बांचही तेन ह गुनउल होगे हे। अइसे म जेन मन थोक-बहुत धन दौलत सकेल डरे हें, पद पावर पहुंचा ले हें, ते मन शशि थरुर कस बोली तो बोलबे करहीं। एक बात अलग आय के वोकरे पारटी के मुखिया ह सादगी म जीवन जीए के संदेश देवत हे। खुदो उही रद्दा म रेंगत हे। फेर कोन जनी ए नेता मन कोन माटी के बने होथें ते उनला ककरो बात सुनाबे नइ करय। उनला कुछु जनाबे नइ करय।

सुशील भोले
41191, डॉ. बघेल गली, संजय नगर
टिकरापारा रायपुर