रचना प्रकासन बर गिलौली

गुरतुर गोठ म प्रकाशित करे बर सबे किसिम के रचना मन के स्वागत हावय. संगी मन अपन अउ अपन रचनाकार संगी मन के रचना मन ला कम्‍प्‍यूटर म टाईप कर के हिन्दी के यूनिकोड़ फ़ॉन्ट म एमएस वर्ड फ़ाइल के रूप म रचना हमला ई-मेल ले भेज सकत हावव.

आप मन लें गिलौली हावय के :  गुरतुर गोठ के प्रकाशन अवैतनिक अउ अव्यावसायिक रूप म करे जावत हावय तेखर सेती रचना मन के प्रकाशन के पाछू कउनो मानदेय/रायल्टी देवई संभव नइ हे. हमर उदीम छत्‍तीसगढ़ी भाषा के रचना मन ला इंटरनेट के माध्यम ले जन जन तक पहुचाए अउ सर्वसुलभ बनाए के हावय.

प्रिंट मीडिया म पहिली ले प्रकाशित, चर्चित, पुरस्कृत रचना होवय त अउ अच्छा. इंटरनेट / अपन ब्लॉग म पहिली ले प्रकाशित रचना मन ला दुबारा गुरतुर गोठ म नइ तो इंटरनेट म आने कोनो जघा फेर प्रकाशित करे के कोनो अर्थ नइ हे, तेख खातिर कृपया अइसन रचना मन ला झन भेजहू.



एक ठन अउ बात गोहराना चाहत हावन के हम अपन संउख अउ अपन आनंद बर ये उदीम करत हावन; हम अभीन के संचार सूचना के बड़ोरा ला देखत ये सोंचथन के हमर भाषा के साहित्‍य ह इंटरनेट म सुलभ होना चाही. आप मन ला हमर ये उदीम उचित लागत हे त दुलार देहू अउ अबिरथा लागत हे त बताहू.

  • गुरतुर गोठ बर संगी मन के छत्तीसगढी रचना, आडियो, वीडियो के अगोरा हावय, आप अपन रचना के सीडी हमला भेज सकत हावव, सीडी ला आप हमला मेल घलव कर सकत हावव.






    संजीव तिवारी
    संपादक : गुरतुर गोठ डॉट कॉम
    सूर्योदय नगर, खण्डेलवाल कालोनी
    दुर्ग, छत्तीसगढ 491001.
    मो. 9926615707




    हिन्‍दी म अपन रचना इंटरनेट म प्रकाशित करवाना चाहत हावव त हमर छत्‍तीसगढ़ के गौरव रविशंकर श्रीवास्‍तव जी के रचनाकारये कड़ी म देहे बात ला धियान रखत भेजव.

Share

View Comments

  • ramesh kumar chauhan says:

    आपमन के बिनास्वार्थ के ये काम हमर छत्तीसगढ़ अऊ छत्तीसगढ़ के पूजा आवय । आपमन जइसे पूजारीमन ल परनाम हे ।

  • अरुण कान्त शुक्ला says:

    मोला बी छत्तीसगढ़ी भाखा ला सीखेबर अव्वड़ मन करथे | पर, बनते नई | एकर ग्रामर की कोई किताब हावय तो कहाँ मिलही मोला बताहू तो मैं ओला खरीद के सीखहूँ| आप मन से जे गिलोली भी हावी कि मोर भाखा पर हंस्बो झन |

  • दिलीप कुमार साहू सेवा सहकारी समिति मर्या. कोड़ेवा says:

    छत्तीसगढ़ी कलमकार मन के मन के अंजोर ला समाज म बगराये के अच्छा साधन गुरतुर गोठ हवय एकर बर गाड़ा गाड़ा बधाई

  • ऐ ह मोर बार पहल हावे. में ह कभी छत्तीसगढ़िया नि बोले हो पर कोशिश करथ हाउ के बने छत्तीसगढ़िया गोठियाए बार सकू .

  • संजीव जी,
    मोल बढ़ ख़ुशी होवत हवे के ते हर मोर मेसेज ला पढ़े. कोनो गलत चीज़ लिख दुहु तो गाइड क्र दिहा. मोल अपन छत्तीसगढ़ी सुधरे बार हवे. एकर बार इ साईट म आवत हो और बढ़ सीखे बार मिल हवे.

  • narendra nand says:

    pahli bar me har gurtur goth ke panna la kol ke dekhev ta bane lagish bahutech badiya kam bar gada gada badhai

  • Narendra " Nand" says:

    मैं हर पहली बार गुरतुर गोठ में दिनेश गौतम जी के रचना ला पढेव बने लागीश कोशिश करहु कि मोर रचना ला भी भेजौ .बधाई हो

  • DHANSAY YADAV says:

    esa g igyh&igyh baVjusV e dke djs ds mfne djr gaoA eksyk dbls ;sek dke djFks Bhd ls irk ub;sA eksj :fp NRrhlx<+h e gs A NRrhlx<+h e dfguh dfork fy[ks mfne djFkaoFkksd egqr djaFkao vm oks jpuk eu y lcds ds vkxw e ijksluk pkgr gaoA dk djs cj ijgh A crkgwA

  • smt kalpana dahake says:

    aapke dvara kiya ja raha kary sarahniy hai. kyoki aaj ki duniya me bina swarth kary karne wale kam hai. aapke kary ko dekh kar oaro ko prerana milegi . vaise bhi bhilae ki durg ki laibrearyio me chhatis garh ke sahitykaro ki pustke hai hi nahi .es madhyam se kam se kam sahity padhne mileka aapka bahut bahut dhanywad

  • bholaram sahu 'dau' says:

    aapke gurturgoth.com ke dwara pura duniya ma chhattishgarhi bhasha la bagraye ke achchha prayash he badai ho sir