दानेश्वर शर्मातोर सरन म आएन, माँ असीस देबे वोछत्तिसगढ़ महतारी के बन्दना : दानेश्वर शर्मा के गीततपत कुरू भइ तपत कुरूप्रशासनिक शब्दकोश बनइया मन ल आदर दव, हिनव झनतपत कुरु भइ तपत कुरुगीत : सारी