मै हा नहकाहूं डोगा पार,आवत हे प्रभु मोर द्वार। तैहा जग के ,आये पालन हार ये मोरे स्वामी। राम लक्ष्मण… Read More
''बरतिया किथे कईसे गउंटिया जानत हस, हमन राउत हाथ के पानी नी पीयन तेला। हमन बड़े कबीरहा हरन। हमन नई… Read More
पेड़ पौधा मन अपन रंग बदलथे लोग अपन सुवारथ बर खाये पीये के जीनिस ला रंगा के बेचत है। जीव… Read More
राधा अपन अंतस के पीरा ला कभू कोनो ल जनान नी देवय। फेर येकर कोनो नइहे कहिके लोगन जइसने पाथे… Read More
काय करबे बिधाता के आघु मा काकरो थोरे चलना हे। जिनगी के मरम ला निभाना हे। तब रोवत होय ते… Read More
बड़ बिहनिया मुंदरहा ले बेर निकले के पहिली नागर ला खान मा धरे चौरसता ले आघू कोती अरहू कहिके हफरत… Read More
का जमाना आगे हे भगवान, तुही मन बताव काय करना चाही। जमाना कतका आघु बढ़त हे। तेनहा काकरो ले लुकाय… Read More
कुकरा बासे नी रिहिस हे। बड़ बिहनिया ले गोसईन हा सुत उठके घर दुवार ला लीप बहार के तियार होगे।… Read More