काँटों से हो दोस्ती, फूलों से हो प्यार।
इक दूजे के बिन नहीं, नहीं बना संसार।।
काँटों से हो दोस्ती………………..
कठिन डगर है जिंदगी, हँस के इसे गुजार।
दुनिया का रिश्ता यहीं, निभता जाये यार।।
काँटों से हो दोस्ती………………..
दुख हो सुख हो काट लो, ये जीवन उपहार।
राम नाम में जोड़ लो, साँसों का ये तार।।
काँटों से हो दोस्ती………………..
धूप छाँव बरसात हो, मिले ग़मों की मार।
हँसता हुआ गुलाब ज्यों, छाये सदा बहार।।
काँटों से हो दोस्ती…………………
खो जाओ मजधार में, चलता हुआ बयार।
हरि का मनमें नाम लो, थामो निज पतवार।।
काँटों से ही दोस्ती…………………
बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग)