द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’

छत्‍तीसगढी़ के जननायक कवि

पं. द्वारिका प्रसाद तिवारी के जनम 6 जुलाई 1908 म बिलासपुर म होय रहिस। तिवारी जी हिन्‍दी अउ छत्‍तीसगढी़ दूनों भासा म किताब लिखे हे जेकर मुख्‍य बिसय प्रेम श्रृंगार अउ राष्‍टीयता आय। डॉ. सत्‍यभामा आडिल के सब्‍द म उन मा एक अल्‍हड़पन अवधूतपन मार्गदर्शन अउ पर दुख कातरता के भावना रहिस। नंदकिसोर तिवारी बताथें विप्रजी ह अपन नि‍सर्गजात उत्‍तम प्रतिभा सक्‍ति एवं अनथक परिश्रम ले छत्‍तीसगढी़ कविता ल लोक म परतिस्‍ठ‍ित करीस। प्रो.रामनारायन सुक्‍ल के सब्‍दन म विप्र जी छत्‍तीसगढी़ पद्य रचना के प्रवर्तक आय उन एक महान समाज सुधार अउ राष्‍टभक्‍त कवि रहिन। विप्र जी के हिन्‍दी म 14 ठन अउ छत्‍तीसगढी़ म 5 ठन किताब छपे रहिस।

नंद किसोर तिवारी लोकाक्षर 40 ल विप्र रचनावली अंक (2008) के नाम ले छापे हे। उंकर छत्‍तीसगढी़ किताब मन के नाव हे 1.कुछु काहीं 2. सुराज गीत 1948 प्र.सं. (1958) द्वि.सं. 3. 1960 पंचवषीय योजना गीत (1961) 4. फागुन गीत (1968) 5. डबकत गीत (1968) 6. अउ कविता धमनी हाट इंकर परसिद्ध रचना है एही सीर्सक म नंदकिसोर तिवारी उंकर गीत मन के संकलन घलोक परकासित करे हे। सुराज गीत के भूमिका राष्‍टीय आंदोलन के सेनानी ठाकुर छेदीलाल लिखे रहीन ” मोला अइसे लगिस के हमन बहुत अकन अड़रा जड़रा गीत ला गात रथन तेखर ले ये ही गीत मन ला गाबो तौ हमर बनौंकी घलाय बनही। देस के हाल चाल ला जानबो अउ हमन ला अपन छत्‍तीसगढी़ होय के गुमान हो ही ” 2 जनवरी 1982 म इकर इंतकाल होइस।