Dwarika Prasad Tiwari “Vipra”

धन-धन रे मोर किसान

धन-धन रे मोर किसान धन-धन रे मोर किसान मैं तो तोला जानेव तैं अस, तैं अस भुंइया के भगवान। तीन… Read More

6 years ago

साहित्यिक पुरखा मन के सुरता : द्वारिका प्रसाद तिवारी विप्र

तिरिया- (कुण्डलिया छन्द) तिरिया ऐसी ब्याहिये, लड़ै रोज दस बेर घुड़की भूल कभी दिए, देखै आँख लड़ेर देखै आँख लड़ेर,… Read More

8 years ago

पं.द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’ के गीत

तोला देखे रेहेंव गा, तोला देखे रेहेंव गा ।धमनी के घाट मा बोईर तरी रे ।।लकर धकर आये जोही, आंखी… Read More

13 years ago