छत्तीसगढ़ के नाचा के मान ला देस बिदेस म फैलइया कलाकार मन म रवेली अउ रिंगनी साज के कलाकार मन के बड़ नाम हे। दाउ मदराजी के पंदोली अउ हबीब तनवीर के संगत म हमर पारंपरिक खढ़े साज नाचा के कलाकार मन अपन अभिनय के बल म हमर धरोहर लोक नाट्य नाचा के प्रसिद्धी ला चारो मूड़ा बगराईन हे। हमर कलाकार मन के अभिनय ल देख के बड़का बड़का नाट्य निदेसक मन ह चकरा जावय अउ छत्तीसगढ़ के गोदरी के लाल मन के बारंबार बड़ई करय। हमर पारंपरिक नाचा के असनेहे सधे कलाकार रहिस मदन निषाद जउन ला मदन बबा के नाम ले जाने जाथे। लोकमंच नाचा के माई मूड़ मदन बबा के सन् 1912 म दुरूग जिला के मोहारा गांव म जनम होए रहिस। मदन निषाद के रूचि बचपन ले नाचा-गम्मत डहर रहिस तेखर सेती छुटपन ले गांव म होवइया नाचा अउ लीला म परी बनके नाचय। उम्मर के बाढे ले नाचा मन म जोक्कर के पाठ करे लागिस, जोक्कर के रूप म मदन रात भर नाचा के मंच ला अपन मजेदार संवाद अउ लचकदार देह डोलई ले बांधे रहय। रिंगनी साज के भुलवाराम, ठाकुरराम अउ लालुराम संग मदन निषाद अपन संगी मन म सबले सामरथ वाले कलाकार बन के आघू आइस। रिंगनी साज अउ मोहरा साज डहर ले नाचा करत मदन निषाद के नाम जम्मो छत्तीसगढ़ म छा गे। जघा-जघा ले मदन निषाद के नाचा पार्टी के बुलवा बर लोगन नरियर धरे धरे खड़े रहंय। मदन निषाद गम्मत के सहारे ले हांसी ठठ्ठा ले सीख देवय। उखर अभिनय ले जनता हांसत हांसत बिधुन हो जावय। मोहरा गांव के गूड़ी म मसाल बार के गम्मत करक करत मदन बबा के कलाकारी ह अइसन उंचा उठिस के दिल्ली के बड़का दरबार हाल के खचाखच भरे मनखें मन मदन बबा के कलाकारी ला अपन दांत म अंगरी दबा के देखे लागिन।
लोक नाट्य अउ परंपरा ला संवारे अउ जीवन भर नाचा बर काम करे के खातिर मदन निषाद ल मध्य प्रदेश सरकार ह प्रसिद्ध तुलसी सम्मान अउ संगीत नाटक अकादमी सम्मान दीस ओ समे हमर प्रदेस ह मध्य प्रदेस के अंदर रहिस। छोटे-बड़े कतको पुरस्कार अउ सम्मान मदन निषाद ला मिलीस। एकदम गउ जइसे सिधवा मदन निषाद छत्तीसगढ़ के गांव ले निकल के देस बिदेस म हमर नाचा के महमहई बगराईस फेर ओखर मन मा घमंड नइ आ पाईस। अपन जीवन भर नवा कलाकार मन ला गम्मत के बारीकी ला समझावत बतावत मदन निषाद हा नाचा के अगली पीढ़ी ल सरलग बढ़ाये म योगदान करत रहिन। हमर नाचा ला नवा उंचाई देवइया छत्तीसगढ़ी नाचा के पुरोधा मदन बबा 20 फरवरी 2005 के दिन चुप्पे ये दुनिया ला छोड़ के चल दिस।
संजीव तिवारी