भुइंया ह बनगे तात-तवईबंडोरा म तोपागे गांव-गंवईनइये रूख-राई के छईहांरूई कस भभकत हे भुईंहांरद्दा रेंगइया जाबे कती कराथिराले रे संगी,… Read More
पुरवाही चलय सुरूर-सुरूर।रूख के पाना डोलय फुरूर-फुरूर॥हाथ गोड़ चंगुरगे, कांपत हे जमो परानी।ठिठुरगे बदन, चाम हाड़।वाह रे! पूस के जाड़॥गोरसी… Read More
किसान के पीरा ह जग हँसई होगे।मंडी म धान के बेचई करलई होगे॥अधरतिहा ढिलाइस बईला-गाड़ी।जुड़ म चंगुरगे हाथ-गोड़ माड़ी॥झन पूछ… Read More